नई दिल्ली: भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए अब सरकार ‘अग्निपथ प्रवेश योजना’ (Agnipath Recruitment Scheme) लागू करने जा रही है. इसके तहत तीनों सेनाओं में युवाओं को तीन साल के लिए सैनिक के रूप में भर्ती किया जाएगा और इन्हें ‘अग्निवीर’ (Agniveer) नाम दिया जाएगा. इससे सशस्त्र बलों की औसत उम्र में कमी आएगी. साथ ही रिटायरमेंट और पेंशन के रूप में सरकार पर बोझ नहीं पड़ेगा. वहीं सेना में भर्ती होने के इक्षुक युवाओं को मौका भी मिलेगा.
किसे मिलेगा मौका, कहां होगी तैनाती?
बताया जा रहा है इस योजना के तहत सेना में भर्ती कराने के लिए IIT और अन्य प्रोफेशनल स्ट्रीम के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. इन्हें कड़ी ट्रेनिंग देने के बाद जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में तैनात किया जाएगा. ये आतंकी गतिविधि से निपटने, खुफिया जानकारियां जुटाने व सूचना टेक्नोलॉजी जैसे काम करेंगे.
तीन साल के बाद क्या होगा
- सेनाओं के पास यह विकल्प भी रहेगा कि वे कुछ अग्निवीरों को स्थायी सेवा में शामिल कर सकते हैं. सेनाएं संविदा सैनिकों (अग्निवीरों) को उनके 3 साल के दौरान किए गए काम के आधार पर इसका फैसला लेंगे.
- ये अग्निवीर बाद में कॉरपोरेट सेक्टर में भी नौकरी कर सकेंगे. ऐसे युवाओं को कॉरपोरेट जगत में अच्छी मांग हो, इसके लिए सेना योजना बना रही है. बताया जा रहा है पिछले दो साल में कॉरपोरेट खिलाडियों ने ऐसे युवाओं की मांग की थी. इसके लिए सरकार उनके संपर्क में है.
1.25 लाख सैनिकों के पद खाली
कोरोना के कारण सेनाओं में भर्तियों का काम बिल्कुल ठप पड़ गया. ऐसे में सेना में जवानों की संख्या में काफी कमी हो गई है. भारतीय थल सेना (Indian Army), जल सेना (Indian Navy) और वायु सेना (Indian Air Force) के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, सेना के तीनों अंगों में अभी सवा लाख से ज्यादा सीटें खाली हैं.
2 साल पहले शुरू हुआ था विचार
इस योजना पर 2 साल पहले से काम शुरू किया गया था. तब इसे टूर ऑफ ड्यूटी स्कीम कहा गया था. बताया जा रहा है कि अभी सेना के अधिकारियों और सरकार के बीच कुछ और मीटिंग इस मुद्दे पर होगी और इसके बाद इसे फाइनल कर दिया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, सरकार की तरफ से भी इस पर पॉजिटिव रेस्पॉन्स मिल रहा है.