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संकटमोचन हनुमान जी को मंगलवार के दिन क्‍यों चढ़ातें है सिंदूर का चोला? जानें क्‍या है रहस्‍य

हनुमान जी (Hanuman Ji) अपने भक्तों पर आने वाले हर तरह के कष्टों और परेशानियों को दूर करते हैं। संकटमोचन हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए लोग मंगलवार के दिन कई तरह के उपाय करतें हैं । मंगलवार (Tuesday) को उनकी पूजा के बाद अमृतवाणी और श्री हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करने से बजरंगबली खुश होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। वैसे तो हिन्दू धर्म में सिन्दूर का एक अलग ही महत्व है। एक ओर जहां शादीशुदा महिलाएं इसे अपनी मांग में लगाती हैं, वहीं पूजा-पाठ में भी सिंदूर का इस्तेमाल किया जाता है। अधिकतर देवी-देवताओं को सिन्दूर का तिलक लगाया जाता है। वहीं हनुमान जी को तो सिंदूर का चोला तक चढ़ाया जाता है लेकिन इसके पीछे का कारण कई लोग नहीं जानते हैं। आइए आपको बताते हैं क्यों मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है। इसका उल्लेख रामचरितमानस में है।

रामचरितमानस (Ramcharitmanas) के अनुसार चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके जब श्रीराम, सीता और लक्ष्मण वापस अयोध्या आए, तो एक दिन हनुमान ने माता सीता को अपनी मांग में सिंदूर लगाते देखा। उनके लिए ये कुछ अजब सी चीज थी तो उन्होंने माता सीता से सिन्दूर के बारे में पूछा। इस पर माता सीता ने कहा कि सिन्दूर लगाने से उन्हें श्रीराम का स्नेह प्राप्त होगा और उनकी आयु बढ़ेगी। साथ ही माता सीता ने हनुमान को बताया कि सिंदूर सौभाग्य का प्रतीक है। अब हनुमान तो ठहरे राम भक्त तो उन्होंने अपने पूरे शरीर को सिन्दूर (Vermilion) से रंग लिया। हनुमान जी ने सोचा कि यदि वे सिर्फ मांग नहीं बल्कि पूरे शरीर पर सिन्दूर लगा लेंगे, तो उन्हें भगवान राम का खूब प्रेम प्राप्त होगा और उनके स्वामी कि उम्र भी लम्बी होगी।


ऐसा करने के बाद हनुमान इसी अवस्था में सभा में चले गए। श्रीराम ने जब हनुमान को सिन्दूर से रंगा देखा तो उन्होंने हनुमान से इसका कारण पूछा। हनुमान जी (Hanuman ji) ने बेझिझक कह दिया कि उन्होंने ये सिर्फ भगवान राम (Lord ram) का स्नेह प्राप्त करने के लिए किया है। उस वक्त श्रीराम इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने हनुमान को गले लगा लिया। बस तभी से हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी मूर्ति को सिन्दूर से रंगा जाता है। इससे हनुमान का तेज और बढ़ जाता है और भक्तों में आस्था बढ़ जाती है।

सिंदूर चढ़ाते वक्त करें इस मंत्र का जाप
अगर आप हनुमान जी की प्रतिमा पर सिंदूर का चोला चढ़ाने जा रहे हैं, तो पहले उनकी प्रतिमा को जल से स्नान कराएं। इसके बाद सभी पूजा सामग्री (Worship material) अर्पण करें। फिर मंत्र का उच्चारण करते हुए चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर या सीधे प्रतिमा पर हल्का सा देसी घी लगाकर उस पर सिंदूर का चोला चढ़ा दें।

मंत्र

सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।

भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।

मान्यता है कि हनुमान जी को सिंदूर का चोला तब चढ़ाया जाता है, जब हनुमानजी की कृपा प्राप्त करनी हो या फिर कोई मन्नत की गई हो। ऐसे में मंगलवार (Tuesday) के दिन चोला चढ़ाया जाता है। वहीं अगर शनि देव (Shani Dev) की साढ़े साती, अढैया, दशा, अंतरदशा में कष्ट कम करने हों तो शनिवार के दिन चोला चढ़ाया जाता है ।

नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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