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गोवर्धन पर अन्नकूट क्यों मनाते हैं? जानिए इसका धार्मिक और स्वास्थ्य से जुड़ा महत्व

October 22, 2025

नई दिल्‍ली । दीपावली(Diwali) के अगले दिन मनाया जाने वाला गोवर्धन पूजा(Govardhan Puja) का त्योहार मथुरा (Festival Mathura)और गोवर्धन क्षेत्र(Govardhan area) में विशेष रूप(special form) से महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है और मंदिरों में यही अन्नकूट प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अन्नकूट वास्तव में होता क्या है और यह स्वास्थ्य के लिए इतना लाभदायक क्यों माना जाता है?


दरअसल, दीपावली के तुरंत बाद अन्नकूट तैयार किया जाता है, जिसमें बाजरे की खिचड़ी, कढ़ी, पूरी और सीजन की सब्जियों का मिक्स व्यंजन शामिल होता है. कई लोग बाजरे की खिचड़ी में हरी सब्जियां मिलाकर इसे और पौष्टिक बना देते हैं. यह व्यंजन न केवल स्वाद में लाजवाब होता है बल्कि शरीर के लिए भी बहुत फायदेमंद है. खासतौर पर इस मौसम में जब ठंड की शुरुआत होती है, अन्नकूट का सेवन शरीर को गर्मी और पोषण दोनों प्रदान करता है.

कार्तिक माह में मौसम बदलने के कारण सर्दी, खांसी, बुखार, आंखों में जलन और स्किन इंफेक्शन जैसी परेशानियां बढ़ जाती हैं. ऐसे समय में अन्नकूट जैसे व्यंजन फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं, जो इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं और संक्रमण से बचाते हैं. बाजरे की खिचड़ी गर्म तासीर वाली होती है और इसमें भरपूर प्रोटीन होता है, जो शरीर को सर्दी से बचाने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है. वहीं कढ़ी कैल्शियम से भरपूर होती है और शरीर को गर्म रखती है, लेकिन जिन्हें कफ की समस्या रहती है, उन्हें इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए.

अन्नकूट में बनाई जाने वाली मिक्स सब्जी भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है. इसमें सीजन की सब्जियां जैसे पालक, मेथी, मूली, गाजर, मटर और बैंगन शामिल की जाती हैं. ये सब्जियां विटामिन, आयरन और फाइबर का अच्छा स्रोत हैं, जो शरीर को अंदर से पोषण देती हैं और बदलते मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव करती हैं. इसीलिए कहा जाता है कि अन्नकूट केवल भगवान को अर्पित किया जाने वाला प्रसाद नहीं, बल्कि एक आयुर्वेदिक औषधि की तरह भी काम करता है.

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