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क्यों शुरू हुआ IIT कानपुर में ब्लॉकचेन पर डिग्री कोर्स, क्यों हो रहा है तेलंगाना के भूमि रिकॉर्ड में ब्लॉकचेन का परीक्षण, जानिए

क्या है भारत में क्रिप्टो का भविष्य?

आज के दौर में भारत (India) जिस तेज़ी से क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) को अपनाने की तरफ बढ़ रहा है उससे कहा जा सकता है कि क्रिप्टोकरंसी ने दुनिया (World) के सभी बाज़ारों (All Market) को रिटर्न्स (Returns) के मामले में पीछे छोड़ दिया है। आंकड़ों की माने तो भारत में फिलहाल 10 करोड़ से भी ज्यादा क्रिप्टो निवेशक (crypto investors) है और इन निवेशकों की औसत उम्र 24 साल के आसपास है। और क्योकि ज्यादातर युवा इस नए तरह के इनवेस्टमेंट मार्केट से जुड़ रहे है इसलिए कहा जा सकता है कि क्रिप्टोकरंसी का भविष्य भारत में काफी उज्जवल है।

तकनीक और अर्थव्यवस्था का यह संगम पारम्परिक मुद्राओं का एक सुदृढ़ विकल्प बनने के साथ साथ रोज़मर्रा के जीवन को बेहतर बनाने की ओर भी काम कर रहा है। भारत में क्रिप्टो का लगातार बढ़ता चलन और जनमानस में बढ़ती मान्यता इसकी लोकप्रियता को साफ़ दर्शाती है।

भारत के भविष्य में होने वाले कई मुख्य बदलावों में क्रिप्टो और ब्लॉकचेन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं लेकिन शायद इस तकनीक की जटिलता इसकी सामाजिक स्वीकृति में बाधा साबित हो सकती है। Coin Gabbar के इस ब्लॉग में हम जानेंगे की कैसे क्रिप्टो और ब्लॉकचेन भारत के उद्देश्यों को पूरा करने में सहायक हो सकते हैं और क्या है भारत के भविष्य में इनकी भूमिका।

क्या क्रिप्टोकरंसी ला सकती है भारत में बदलाव?

भारत में हर काम किया जा सकता है भले ही वो सीधे तरीके से हो या जुगाड़ लगाकर। कई बार छोटी-छोटी चीज़ों में शामिल गहन संघर्ष हमें जीवन में कई शॉर्टकट बनाना सीखा देते हैं। फिर यह बैंक की लाइन में लगे बिना जुगाड़ से पासबुक अपडेट कराने का संघर्ष हो या एग्जाम में बिना पढ़े पास होना, भारतीय जीवन संघर्ष और जुगाड़ के बिना अधूरा सा है। इन संघर्षों को कम करने के लिए किये जा रहे प्रयासों या जुगाड़ में ब्लॉकचेन का काफी बड़ा हाथ है। ब्लॉकचेन भारत में आने वाले बदलाव को आगे ले जाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

क्रिप्टोकरंसी आर्थिक लेन-देन को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ इसमें शामिल केंद्रीकृत व्यवस्था को डिसेंट्रलाइज़ भी करती है। आर्थिक केंद्रों के एकाधिकार को कम करने और उनकी क्षमताओं को बढ़ाने में ब्लॉकचेन एक कुशल साधन साबित हो सकती है। ब्लॉकचेन तकनीक का सही उपयोग आम आदमी की रोज़मर्रा वाली दिक्कतों को कम कर सकता है और देश के लिए एक बेहतर भविष्य की नींव रख सकता है।


कैसे क्रिप्टो बदल सकता है भारत की किस्मत?

हज़ारों मुश्किलों के बीच कई बार हम ऐसे मौकों को नज़रअंदाज़ कर जाते हैं जिनमे थोड़ा-सा बदलाव पूरे समाज पर एक गहरा असर डाल सकता है। आज हम ऐसे ही कुछ उदाहरणों से आपको समझाएँगे की कैसे ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरंसी हमारे देश की बड़ी मुश्किलों का एक सुगम समाधान साबित हो सकती है।

ई-वोटिंग

चुनावों के मौसम में EVM मशीनों की विश्वसनीयता पर बहस भारत में आम हो चली है। फिर बात चुनावी बूथों में हो रही गुंडागर्दी की हो या EVM मशीनों के साथ होने वाली छेड़छाड़ की, भारत की चुनाव प्रक्रिया में सुधार की गुंजाइश बढ़ती ही जा रही है। इन चुनौतियों के निवारण के लिए विशेषज्ञ कई बार ई-वोटिंग को अपनाने की सलाह दे चुके हैं।

ब्लॉकचेन आधारित ई-वोटिंग न सिर्फ चुनाव प्रक्रिया में मानव हस्तक्षेप को खत्म कर सकती है बल्कि इस प्रक्रिया में शामिल सभी बदलावों को एक सार्वजानिक लेजर में संगृहीत करती है। ई-वोटिंग सुनिश्चित करती है की सभी मतदाता बिना किसी दबाव के अपने मतों का इस्तेमाल कर सकें। यह चुनावी प्रक्रिया में होने वाले खर्चों को कम करने के साथ-साथ इसमें शामिल कई क़दमों को स्वचालित भी कर सकती है।

स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स

भारतीय अदालतों में लंबित मामलों की कुल संख्या 4.4 करोड़ के पार पहुँच गयी है और इसमें से लाखों केस सिर्फ धोकेबाज़ी और अनुबंधों के उल्लंघन से जुड़े होते हैं। लिखित कॉन्ट्रैक्ट्स में नियंत्रण का अभाव इनके उलंघन की मुख्य वजहों में से एक है। अनुबंध में शामिल कोई भी दल अपनी सुविधानुसार इसका उलंघन कर सकता है और इसके गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए आपको एक लम्बी कानूनी प्रक्रिया से गुज़ारना पड़ सकता है।

ब्लॉकचेन आधारित स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स इन सभी चुनौतियों से आपको निजात दिलाने में समर्थ है। पूर्व-लिखित कोड, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट को बिना किसी अपवाद के निर्देशित नियमों का पालन करने में सक्षम बनाता है। संपत्ति के विवादों से लेकर व्यावसायिक लेन-देन तक, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स बिना भरोसे की जरूरत के भारत में नए और सुरक्षित सौदों की बुनियाद बन सकते हैं।

बेहतर बैंकिंग का विकल्प

बेहाल व्यवस्था और ग्राहक सेवाओं के प्रति उदासीन नज़रिया भारतीय बैंको में ग्राहकों के ख़राब अनुभव की एक बड़ी वजह है। सभी कामों में होने वाली गैर-ज़रूरी देरी और अमर्यादित प्रशासन, बैंको के ज़रिये होने वाले लेनदेन को सुस्त बनाता है। लेनदेन के लिए किसी भी भरोसेमंद विकल्प का ना होना ग्राहकों को इन सेवाओं को इस्तेमाल करने के लिए मजबूर करता है।

इसी के चलते क्रिप्टोकरंसी भारत में एक ऐसी अर्थव्यवस्था स्थापित करने में कामयाब हो सकती है जो बिना किसी मध्यस्थ के सभी लेन-देन को एक नयी गति प्रदान कर सके। क्रिप्टो ट्रांसैक्शन तेज़, सुरक्षित, और सस्ती होने के साथ-साथ ग्राहकों के लिए अत्यधिक सुविधाजनक भी है। इसमें शामिल तकनीक न सिर्फ इसे नगदी का एक बेहतर विकल्प बनाती है बल्कि पूरे बैंकिंग क्षेत्र में नयी क्रान्ति लाने की क्षमता रखती है।

भारत में ब्लॉकचेन की वर्तमान स्थिति

क्रिप्टो से जुड़ी संभावनाओं को भारत में अभी भी शक की नज़र से देखा जाता है लेकिन कई उदहारण ऐसे भी हैं जिन्होंने क्रिप्टो और ब्लॉकचेन तकनीक को अपनाकर देश के सामने एक नए आयाम को खोला है। ब्लॉकचेन के इस्तेमाल से पारम्परिक तौर तरीकों को बदलने के कुछ उदहारण इस प्रकार हैं:

IIT कानपुर की ब्लॉकचेन डिग्री

हाल ही में संपन्न हुए IIT कानपुर के दीक्षांत समारोह में छात्रों को पुरुस्कृत कर रहे प्रधानमन्त्री से ज्यादा ध्यान उनको दी जाने वाली डिग्रियों ने आकर्षित किया। इस दीक्षांत समारोह में पुरुस्कृत की गयीं सभी डिग्रीयां एक ऐसी ब्लॉकचेन पर आधारित थी जिसको IIT कानपुर के छात्रों ने खुद विकसित किया था। यह विशेष ब्लॉकचेन डिग्रियां न सिर्फ छात्रों के सभी शैक्षिक रिकार्ड्स को सुरक्षित रखती हैं बल्कि भविष्य में होने वाले बदलावों के हिसाब से खुद अपडेट भी हो सकती हैं।


तेलंगाना के भूमि रिकॉर्ड में ब्लॉकचेन का परीक्षण

तेलंगाना के मुख्य सचिव जयेश रंजन की मानें तो वह दिन दूर नहीं जब तेलंगाना के सभी भूमि रिकार्ड्स ब्लॉकचेन के एक लेजर का हिस्सा बन जाएंगे। तेलंगाना के ब्लॉकचेन तकनीक के साथ नए परिक्षण में प्रदेश के 10,000 से ज्यादा गावों के भूमि रिकार्ड्स को डिजिटल बनाने की तैयारी है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के साथ हो रहे नए परिक्षण न सिर्फ इसकी मान्यता को समाज तक पहुंचा रहे हैं बल्कि क्रिप्टोकरंसी के सुनहरे भविष्य की नींव भी रख रहे हैं।

डिजिटल इकॉनमी में ब्लॉकचेन की ख़ास जगह

भारतीय रिज़र्व बैंक हो या देश का वित्त मंत्रालय, ब्लॉकचेन के भविष्य को लेकर सकारात्मक खबरें सरकार के सभी महकमों से आती ही रहती हैं। देश में डिजिटल वित्त क्रांति को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ब्लॉकचेन और क्रिप्टो की भूमिकाओं के प्रति सहज नज़र आ रही है।

वित्त मंत्रालय के अनुसार 2023 तक क्रिप्टो से जुड़े सभी नियमों को साफ़ कर दिया जाएगा जो भारत में क्रिप्टो निवेशकों के लिए एक राहत की सांस साबित होगा। इसी के साथ भारत की आने वाली कैशलेस इकॉनमी में भी क्रिप्टोकरंसी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।

क्या क्रिप्टो भारतीय रुपये की जगह ले सकता है?

अगर क्रिप्टो की लोकप्रियता ऐसे ही बढ़ती रही तो क्या कोई क्रिप्टोकरंसी आने वाले वक्त में भारतीय रूपए की जगह ले सकती है?

क्रिप्टो से जुड़े लोगों का यह सवाल पूछना लाज़मी है लेकिन अभी के आकड़ों के अनुसार भारतीय रूपए की बराबरी करना क्रिप्टो के लिए आसान नहीं होगा। वहीँ दूसरी तरफ देखें तो रिज़र्व बैंक भारतीय रूपए की ब्लॉकचेन पर काम कर रहा है और यह INR का क्रिप्टोकरंसी की तरफ पहला कदम होगा।

भारत में क्रिप्टो और ब्लॉकचेन का अनेक तरीकों से इस्तेमाल मुमकिन है और भारत के लोगों की डिजिटल लेन-देन के प्रति बढ़ती सजगता इस बदलाव के लिए पूरे देश को तैयार कर रही है।

क्रिप्टो को रूपए के विकल्प के तौर पर देखना मौजूदा हालातों के अनुसार जल्दबाज़ी हो सकती लेकिन इसकी सटीक तस्वीर सरकार के आने वाले फैसलों पर निर्भर करेगी। क्रिप्टो जगत के अगले रुख को समझ पाना एक निवेशक के लिए बेहद ज़रूरी है और इसलिए आपको चाहिए सही मार्केट एक्सपर्ट्स यानी Coin Gabbar। जुड़िये भारत की सबसे बड़ी क्रिप्टो कम्युनिटी से सिर्फ Coin Gabbar पर और पाएं क्रिप्टो से जुड़ी सभी जानकारियाँ – सबसे सटीक, सबसे पहले।

  • सुदीप सक्सेना संस्थापक, कॉइन गब्बर

 

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