नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के लिए आज का दिन काफी यादगार है। आज ही के दिन 09 दिसंबर 2014 को कोहली ने पहली बार टेस्ट मैच में देश का नेतृत्व किया। कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड ओवल में चार मैचों की टेस्ट श्रृंखला के पहले मैच में अपने खेल के सबसे लंबे प्रारूप में देश के लिए कप्तानी की शुरुआत की।
हालांकि उस मैच में भारत को 48 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम इस मैच में 364 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी। भारत के लिए मुरली विजय और कोहली अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे,लेकिन नाथन लियोन ने मुरली विजय को 99 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर आउट कर ऑस्ट्रेलिया को महत्वपूर्ण सफलता दिलाई। उसके बाद, ऑस्ट्रेलियाई ऑफ स्पिनर लियोन ने भारतीय बल्लेबाजी क्रम को तहस नहस कर दिया। एक समय 242 रनों पर तीन विकेट खोने वाली भारतीय टीम 315 रनों पर सिमट ही सिमट गई।
यह मैच लेग स्पिनर कर्ण शर्मा के लिए भी पदार्पण मैच था और यह एकमात्र टेस्ट मैच था, जो उन्होंने खेला था। कोहली ने दोनों पारियों में शतक लगाया। पहले दो मैच हारने के बाद भारत ने 2-0 से श्रृंखला गंवा दी।
हालांकि, कोहली ने केवल श्रृंखला के पहले और आखिरी मैच में देश का नेतृत्व किया। यह वह श्रृंखला थी जिसमें मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के बाद महेंद्र सिंह धोनी ने खेल के सबसे लंबे प्रारूप से संन्यास की घोषणा कर दी।
कोहली ने अब तक 55 टेस्ट मैचों में भारत की अगुवाई की है, जो धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी करने से महज पांच मैच कम है। धोनी ने 60 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की है,जो रिकॉर्ड है। कोहली टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारत के सबसे सफल कप्तान भी हैं क्योंकि टीम ने उनकी कप्तानी में अब तक 33 मैच जीते हैं। पिछले साल सितंबर में, कोहली, धोनी को पीछे छोड़ते हुए सबसे सफल भारतीय टेस्ट कप्तान बन गए हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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