उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

योगेश्वर टेकरी के चढ़ाव की फर्सियाँ तक उखाड़ ले गए

  • लगातार हो रही अनदेखी का दुरूपयोग कर रहे असामाजिक तत्व

उज्जैन। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चयन के बाद शहर में महाकाल रूद्रसागर विकास सहित कई प्रोजेक्टों के काम चल रहे हैं लेकिन शहर के मध्य स्थित प्राकृतिक सौंदर्य वाली योगेश्वर टेकरी की अनदेखी नगर निगम लगातार कर रहा है, वहीं स्मार्ट सिटी योजना में भी इसके लिए कोई प्लानिंग नहीं है। हालत यह है कि प्राचीन योगेश्वर टेकरी के चढ़ाव की सीढियों पर लगी फर्सियां भी गायब होने लगी है।
शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 5 वर्ष पहले 2298 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। इसके बाद केन्द्र सरकार ने उज्जैन शहर को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए दूसरे चरण में 22 सितम्बर 2016 को चयनित किया था। उसके बाद से लेकर अब तक स्मार्ट सिटी योजना में कई प्रोजेक्ट शामिल किए गए। इसमें सबसे पहले पर्यटन क्षेत्रों का विकास करना, आवागमन सुविधा को बढ़ाना तथा आर्थिक क्षेत्रों का विकास करना शामिल किया गया था। कुल महाकाल क्षेत्र में नॉलेज और इकोनॉमी हब का विकास करना तथा मृदा योजना के तहत महाकाल और रूद्रसागर का विकास करना शामिल किया गया था। शुरुआत में इसके लिए 600 करोड़ से ज्यादा की योजना बनाई गई थी। शहर को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किए जाने के करीब एक साल बाद स्मार्ट क्लास बनाने, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था शुरु करने, 402 करोड़ के सीवरेज प्रोजेक्ट के जरिये शिप्रा नदी में मिल रहे बड़े नालों के गंदे पानी को रोकने की योजना पर भी काम चल रहा है। इसके बावजूद शहर के मध्य स्थित प्राचीन टेकरी के जीर्णोद्धार पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। सिंहस्थ के दौरान यहाँ नई सीढिय़ाँ बनाने, उन पर पत्थर लगाने, टेकरी के ऊपर स्थित बगीचे में बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले, चकरी आदि लगाने जैसे काम भी किए गए लेकिन उसके बाद नगर निगम ने इसकी देख-रेख नहीं की और यह सभी टूट-फूटकर बिखरने लगे हैं। सिंहस्थ के दौरान यहाँ करीब 25 से 30 लाख रुपए की राशि खर्च कर यह काम कराए गए थे। लेकिन अब यहां सीढियों के पत्थर और फर्सियां भी गायब हो रही है।

ऐसे बदला जा सकता है टेकरी का स्वरूप
बीच शहर में स्थित योगेश्वर टेकरी अतिप्राचीन है। गुजरते समय के साथ इसके आसपास हालांकि चारों ओर पक्के निर्माण हो गए हैं और समीप से यह नजर भी नहीं आती लेकिन अगर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट या इसी तरह के किसी अन्य पर्यटन को बढ़ावा देने वाली योजना के तहत टेकरी की ओर पर्यटकों को लुभाने के प्रयास किए जा सकते हैं। इसके लिए रोप-वे बनाकर भी पर्यटकों के लिए टेकरी पर आने-जाने की व्यवस्था की जा सकती है। यह प्रयास लोगों को सीढिय़ों से छुटकारा दिलाने वाला तो होगा ही इसके साथ ही रोप-वे पर सवार होकर टेकरी तक पहुँचने का रोमांच भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। इसके अतिरिक्त टेकरी पर पर्यटकों की सुविधा के लिए कुछ स्थानों पर झोपड़ीनुमा रेस्टोरेंट, सुविधाघर आदि की भी व्यवस्था की जा सकती है। संभवत: अगर यह प्रयास होते हैं तो इससे निश्चित ही पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और नगर निगम को आय भी होगी।

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