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    सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक मेले की तैयारी में योगी सरकार, जानें हर डिटेल

  • September 17, 2024

    प्रयागराज: योगी सरकार 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ को पॉलीथीन फ्री और ग्रीन कुंभ के तौर पर पेश करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए जहां महाकुंभ में पॉलिथीन को प्रतिबंधित किए जाने की तैयारी है. वहीं तीन लाख पौधे भी लगाए जा रहे हैं. इन पौधों को सरकार संरक्षित भी करेगी. 13 जनवरी 2025 से आयोजित होने वाले महाकुंभ को लेकर योगी सरकार महा तैयारियों में जुटी है. महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद के मुताबिक मेले को लेकर स्थाई और मेला क्षेत्र के अस्थाई दो तरह के कार्य होते हैं. उनके मुताबिक बारिश का पानी उतरने के बाद जहां अक्टूबर महीने से मेला क्षेत्र के अस्थाई कार्य शुरू हो जाएंगे. वहीं महाकुंभ से जुड़े स्थाई कार्यों को लेकर अब तक चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में गठित की गई एपेक्स कमेटी की 14 बैठकें हो चुकी हैं. जिसमें 5154 करोड़ की 327 परियोजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है.

    इसके साथ ही 1264 करोड़ की 75 विभागीय परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है. महाकुंभ से जुड़ी सभी लगभग 480 स्थाई और अस्थाई परियोजनाओं को 31 अक्टूबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. इन योजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के 15 विभाग अंतर समन्वय के साथ काम कर रहे हैं.महाकुंभ की योजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन तंत्र बनाया गया है. थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन भी कराया जा रहा है. प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा एक अत्याधुनिक लैब भी बनाई गई है. जिसमें हर स्तर पर टेस्टिंग होती है फाइनल बिल की ऑडिट होती है.

    इसके साथ ही ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से मॉनिटरिंग भी हो रही है. महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए योगी सरकार ने अनुभवी अधिकारियों की टीम लगाई है. 2019 में दिव्य और भव्य कुंभ आयोजित करा चुके कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद पर एक बार फिर से योगी सरकार ने भरोसा जताया है. इसके अलावा कुंभ मेले में ऐसे तमाम अधिकारियों को लगाया गया है,जिन्हें पहले माघ मेले और कुंभ के आयोजन में काम करने का पर्याप्त अनुभव है.

    महाकुंभ के लिए 15 स्नान घाटों का निर्माण किया जा रहा है. लगभग 15 किलोमीटर का गंगा रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है. महाकुंभ को ग्रीन और स्वच्छ बनाने के लिए 1 लाख 45 हजार टॉयलेट बनाए जाएंगे. स्नान घाटों की लंबाई बढ़ाई जा रही है. स्नान घाटों को 8 किलोमीटर से बढ़कर 12 किलोमीटर किया जा रहा है. घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है. आवागमन के लिए 488 किलोमीटर की चकर्ड प्लेटें बिछाई जाएंगी. 2019 के कुंभ में 45000 स्ट्रीट लाइटें लगी थी. इस बार 67000 स्ट्रीट लाइटें लगेंगी. ‌पहली बार कुंभ मेले में सोलर लाइट का प्रयोग किया जाएगा. महाकुंभ में सर्किट हाउस की संख्या 3 से बढ़कर 5 कर दी गई है. इसके साथ ही पांटून ब्रिजेज की संख्या भी 22 से बढ़ाकर 30 की जा रही है.


    प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का विस्तार भी किया जा रहा है. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए छह कारिडोर बनाए जा रहे हैं. अक्षय वट, पाताल पुरी, सरस्वती कूप, हनुमान मंदिर, श्रृंगवेरपुर धाम और भारद्वाज कॉरिडोर का भी निर्माण कराया जा रहा है. महाकुंभ की तैयारी में राज्य सरकार के 20 और केंद्र सरकार के चार विभाग तैयारियों में जुटे हुए हैं. कुंभ मेला अधिकारी के मुताबिक अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक मेले में सभी संस्थाओं को जमीन और सुविधाओं का आवंटन कर दिया जाएगा. इस बार खास तौर पर ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के जरिए जमीनों और सुविधाओं के आवंटन की तैयारी की गई है.

    महाकुंभ में 100 हजार से ज्यादा संस्थाएं बसाई जाएंगी.श्रद्धालुओं के महाकुंभ में आने के लिए कोई दिक्कत ना हो इसके लिए ट्रेफिक एडवाइजरी कमेटी का गठन किया गया है. एडीजी जोन की अध्यक्षता में गठित एडवाइजरी कमेटी लगातार काम कर रही है. महाकुंभ को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए दोना पत्तल और कुल्हड़ को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिये अलग से जोन आवंटित किए जाएंगे. सप्लाई चेन बनाई जा रही है ताकि इनकी पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे.

    महाकुंभ मेला अधिकारी के मुताबिक महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक सुगमता से महाकुंभ मेले में आकर सुरक्षित वापस जा सके इसके लिए रेल, सड़क और हवाई यातायात को लेकर भी तैयारी की जा रही हैं. एयरपोर्ट पर जहां एक नया टर्मिनल बनाया जा रहा है. वहीं एयरपोर्ट से लेकर महाकुंभ मेले तक पहुंचने के लिए बनाई जा रही सड़क को विश्व स्तरीय स्मार्ट रोड बनाया जा रहा है. इस सड़क के दोनों ओर ग्रीन बेल्ट और कुंभ कलश बनाए जाएंगे. इसके अलावा सड़क किनारे आकर्षक पेंटिंग की जाएगी. ताकि एयरपोर्ट से महाकुंभ मेले के अंदर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुखद अनुभूति का एहसास कराया जा सके. प्रयागराज के अंतर्गत आने वाले नौ रेलवे स्टेशनों पर भी बुनियादी सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है.

    महाकुंभ संगम की धरती पर ना केवल विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और धार्मिक आयोजन होगा. बल्कि इस महाकुंभ मेले से सनातन धर्म की आध्यात्मिक और संस्कृतिक विरासत को भी पूरी दुनिया को देखने का मौका मिलेगा. 2025 का महाकुंभ 13 जनवरी पौष पूर्णिया से लेकर 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान पर्व तक कुल 45 दिनों तक चलेगा. महाकुंभ में इस बार भी तीन शाही स्नान होंगे. पहला स्नान पर्व 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा का होगा. जबकि 14/15 जनवरी को मकर संक्रांति का पहला शाही स्नान होगा. वहीं 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का दूसरा शाही स्नान होगा. 3 फरवरी को बसंत पंचमी का तीसरा और आखिरी शाही स्नान होगा. जिसके बाद 5 फरवरी को अचला सप्तमी का स्नान पर्व होगा. जबकि 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ कल्पवास का समापन होगा. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान पर्व के साथ महाकुंभ मेले का समापन हो जाएगा.

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