उज्जैन। जिला अस्पताल में इस समय ओपीडी भगवान भरोसे चल रही है। ओपीडी और इमरजेंसी में कुल चार डॉक्टर्स ड्यूटी दे रहे हैं और पूरी तरह से थक चुके हैं। अस्पताल प्रशासन की ओर से राज्य शासन को कितने ही पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन वहां से डॉक्टर्स की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। गत माह तक आयुष चिकित्सकों द्वारा ओपीडी संभालने के चलते व्यवस्था ठीक चल रही थी। अब मरीज परेशान हो रहे हैं।
जिला अस्पताल में इस समय चार डॉक्टर्स ओपीडी और इमरजेंसी में लगातार ड्यूटी दे रहे हैं। ये दिन और रात में सतत ड्यूटी देने के कारण पूरी तरह से थक गए हैं। अब डॉक्टर्स में शासन की नीतियों के तहत रोष उत्पन्न हो रहा है। इनका कहना है कि मौसम में परिवर्तन के कारण मरीजों की संख्या ओपीडी में दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन शासन संविदा पर भी डॉक्टर्स नहीं रख रहा है, जबकि रिक्वायरमेंट कई बार भेजी जा चुकी है।
गत माह तक आयुष विभाग के डॉक्टर्स दे रहे थे सेवा
शासन के निर्देश पर अप्रैल माह से कोरोनाकाल के चलते शा. धन्वंतरि आयुर्वेदिक चिकित्सालय के डॉक्टर्स द्वारा ओपीडी में सेवा दी जा रही थी। इस कारण से मरीजों की अत्यधिक भीड़ के बाद भी व्यवस्थाएं डगमगाई नहीं, लेकिन शासन के एक निर्देश के चलते आयुष चिकित्सकों को कार्यमुक्त करके उनकी सेवाएं पुन: शा.धन्वतंरि आयुर्वेदिक चिकित्सालय को सौंप दी गई। इसके बाद से ही व्यवस्थाएं गड़बड़ाई।
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ.महेश मरमट ने कहा कि शासन को पता है कि डॉक्टर्स की कमी है। वहां कितने ही पत्र भेजे जा चुके हैं। आयुष डॉक्टर्स ने व्यवस्था संभाल रखी थी। शासन के निर्देश के बाद उन्हे उनके मूल स्थान पर भेज दिया है। अब केवल चार डॉक्टर्स डॉ.जितेंद्र शर्मा, डॉ.चंद्रावत, डॉ.रघुवंशी और डॉ.धवन के भरोसे पूरी व्यवस्था जैसे तैसे चल रही है। आनेवाले दिनों में यदि मरीज बढ़ते हैं तो एक बार फिर शासन को अवगत करवाएंगे। इससे अधिक कुछ कर नहीं सकते।(हि.स.)
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