नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि आज विश्व स्वीकार करता है कि भारत ने विश्व व्यापार संगठन में अन्य देशों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए अच्छे निर्णय लेने में अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है। विभिन्न मुद्दों पर भारत की स्थिति तथ्यों, सच्चाई और संवेदनशीलता से समर्थित है। गोयल ने कहा कि भारत अब डील मेकर है डील ब्रेकर नहीं है।
इससे पहले पीयूष गोयल ने ऑनलाइन लेनदेन से संबंधित उपभोक्ता शिकायतें बढ़ने का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले महीने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर पंजीकृत कुल शिकायतों में से 38-40 प्रतिशत ई-कॉमर्स व्यापार से संबंधित थीं। प्रभावी और त्वरित उपभोक्ता विवाद निवारण पर आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए गोयल कहा कि उपभोक्ता आयोग ही उन उपभोक्ताओं के लिए एकमात्र आशा की किरण है। लंबित मामलों की बढ़ती संख्या और न्याय मिलने में देरी चिंता का कारण है जिससे सामूहिक प्रयास से निपटने की आवश्यकता है।
गोयल ने सुझाव दिया कि सुनवाई स्थगन की संख्या को कम करने, जिला अदालतों में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, मध्यस्थता को बढ़ावा देने, ई-फाइलिंग और ई-निपटान से लंबित मामलों को कम करने में मदद मिलनी चाहिए। इस अवसर पर उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि इंटरनेट आधारित आर्थिक गतिविधियों के बढ़ते केंद्रीकरण के बीच उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा में उपभोक्ता अदालतों की बड़ी भूमिका है।
इस केंद्रीकरण के साथ बड़ी कंपनियों की ताकत बढ़ रही है और उपभोक्ताओं के प्रति शक्ति का असंतुलन है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के आने पर यह सोचा गया था कि इससे लोकतंत्रीकरण और विकेंद्रीकरण होगा लेकिन आज सभी आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे केंद्रित हो चली हैं। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स, टैक्सी परिचालक कंपनियों, खाद्य एवं पेय व्यवसाय में दो-तीन प्रमुख कंपनियां ही रह गई हैं। इसी तरह दूरसंचार सेवाओं में भी चार प्रमुख कंपनियां हैं।
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