नई दिल्ली (New Delhi)। अंतरिक्ष के सैन्यीकरण (militarization of space) की होड़ को उजागर करते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) (Chief of Defense Staff -CDS) जनरल अनिल चौहान (General Anil Chauhan) ने मंगलवार को अत्याधुनिक तकनीक (cutting-edge technologies) को शामिल करने पर ध्यान देने के साथ दोहरे उपयोग वाले प्लेटफॉर्म विकसित करने पर जोर दिया।
जनरल चौहान ने भारतीय रक्षा अंतरिक्ष संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि अंतरिक्ष के शस्त्रीकरण की दिशा में निरंतर होड़ से अंतरिक्ष में युद्ध की आशंका पैदा हो गई है। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय अंतरिक्ष संघ (आइएसपीए) ने किया है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष एक ऐसा क्षेत्र है जो भूमि, समुद्र, वायु और यहां तक कि साइबर सहित अन्य क्षेत्रों की क्षमताओं को बढ़ा रहा है।
अंतरिक्ष का सैन्य उपयोग अहम विमर्श है जिससे हम अलग-थलग नहीं रह सकते हैं। सीडीएस ने रूस और चीन के उपग्रहरोधी परीक्षणों का जिक्र किया एवं अंतरिक्ष क्षेत्र में आक्रामक और रक्षात्मक क्षमताओं के निर्माण के लिए भारत की जरूरत पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि मौजूदा और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए भारत को अपने प्रयासों को और व्यापक करने की जरूरत है।
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