
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) की शांति योजना और गाजा में बमबारी रोकने की अपील के बावजूद इजरायल की सेना ने गाजा में हमला किया है. इजरायली सेना की ताजा बमबारी में गाजा में 70 लोग मारे गए हैं, जिसमें 2 महीने से लेकर 8 साल की उम्र के 7 बच्चे भी शामिल हैं. बता दें कि इजरायली सेना का हमला तब हुआ है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा के लिए बनाई गई 21 सूत्रीय शांति योजना को हमास ने स्वीकार कर लिया है.
लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि हमास जब तक सभी शर्तें मानने की पुष्टि नहीं करता, गाजा में सैन्य अभियान जारी रहेगा. बेशक हमास ने राष्ट्रपति ट्रंप की शांति योजना को सहमति दी है, लेकिन वे गाजा से इजरायल की वापसी और इजरायली बंदियों के बदले लगभग 2000 फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली के लिए राजी हुए हैं। यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि हमास निरस्त्रीकरण को स्वीकार करेगा या नहीं, जो शांति योजना की प्रमुख मांग है.
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना गाजा पर कब्जा करने के लिए हमले कर रही हैं और हमलों में 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं, जिन्हें अपने घर छोड़कर दक्षिणी गाजा की ओर कूच करने के लिए मजबूर होना पड़ा. तुफ्फाह इलाके में इजरायली सेना के हमले में 18 लोगों की मौत हो गई है. साउथ गाजा में अल-मवासी नामक विस्थापन शिविर पर भी इजरायल की सेना ने बम गिराया. इस हमले में 2 बच्चों की भी मौत हुई है और 8 लोग घायल भी हुए हैं.
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना हमास ने स्वीकार कर ली है और इजरायल ने योजना के अनुसार कदम आगे बढ़ते हुए एक शांति दल इजिप्ट भेज दिया है, जहां हमास के शांति दल से उनकी मुलाकात होगी. व्हाइट हाउस के अधिकारी ने पुष्टि की है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने बंधकों की रिहाई और कैदियों की अदला-बदली की प्रक्रिया पर काम करने के लिए स्टीव विटकॉफ और जेरेड कुशनर को मिस्र भेजा है. मिस्र का विदेश मंत्रालय शांति वार्ता में मध्यस्थता करेगा.
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