
समस्तीपुर: 1 दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. इस दिन लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार व सामाजिक संगठनों द्वारा रैलियां निकाली जाती हैं. वहीं, बिहार के समस्तीपुर में नर्सिंग छात्राओं द्वारा निकाली गई रैली अब देशभर में सुर्खियां बटोर रही है. वजह है नर्सिंग के छात्राओं द्वारा निकाली गई रैली में लगाए जा रहे आपत्तिजनक नारे. आपत्तिजनक नारों का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है. कई यूजर्स इसे गलत मान रहे हैं, तो वहीं कुछ यूजर्स इसे अच्छा कदम बता रहे हैं.
दरअसल, समस्तीपुर सदर अस्पताल परिसर से निकली रैली शहर के गोलंबर चौराहा, समाहरणालय ओवरब्रिज होते हुए शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए पुनः सदर अस्पताल प्रांगण में संपन्न हुई. इस दौरान नर्सिंग की छात्राएं जो नारे लगा रही थीं, उनमें प्रमुख अगर पति आवारा है, कंडोम ही सहारा है और परदेस नहीं जाना बलम जी, एड्स न लाना बलम जी था. लेकिन सबसे ज्यादा आपत्ति “अगर पति आवारा है, कंडोम ही सहारा है नारा पर लोगों ने जताया है.
नर्सिंग छात्राओं द्वारा लगाए गए नारे की भाषा शैली ने एक तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. वहीं, दूसरी ओर विवादों को भी जन्म दिया है. समस्तीपुर के सिविल सर्जन एस. के.चौधरी ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी, स्वास्थ्य विभाग एवं एनजीओ के अधिकारी शामिल हुए थे. कार्यक्रम के बाद नर्सिंग की छात्राएं लोगों को जागरूक करने के लिए निकल गईं. इस दौरान एनजीओ के कर्मी उनके साथ थे और उन लोगों ने ही नारा लगवाया था. विभाग के तरफ से किसी प्रकार का कोई नारा छात्राओं को लिखकर नहीं दिया गया था.
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