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पाकिस्तानी एक्टिविस्ट ने खोली पोल : PoJK विधानसभा एक ‘धोखा’, असली कंट्रोल इस्लामाबाद के हाथ

December 16, 2025

लाहोर। पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) के प्रमुख राजनीतिक कार्यकर्ता और अमजद अयूब मिर्जा ने एक बार फिर क्षेत्र की तथाकथित लोकतांत्रिक व्यवस्था पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने PoJK की शासन संरचना को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धोखा देने वाली एक सुनियोजित ‘जालसाजी’ करार देते हुए कहा कि विधानसभा, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और न्यायालय जैसी सभी संस्थाएं केवल दिखावा हैं। मिर्जा के अनुसार, असली शक्ति पाकिस्तान की सेना और इस्लामाबाद के हाथों में है। इस दौरान मिर्जा ने आर्थिक संकट, प्राकृतिक संसाधनों के शोषण और कठपुतली नेतृत्व की कड़ी आलोचना करते हुए चेतावनी दी कि क्षेत्र की जनता अब इस धोखे को बर्दाश्त नहीं कर रही और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में विधानसभा है, प्रधानमंत्री है, राष्ट्रपति है, सर्वोच्च न्यायालय है और आईजी पुलिस भी है, लेकिन ये सभी रीढ़विहीन हैं। मिर्जा ने आगे बताया कि विधानसभा एक भी कानून नहीं बना सकती और न ही अधिकारियों की नियुक्ति या तबादले कर सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी निर्णय लेने की शक्तियां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सैन्य प्रतिष्ठान के हाथ में हैं, जिससे जम्मू-कश्मीर की संस्थाएं केवल नाममात्र की रह जाती हैं।



उनके अनुसार, यह व्यवस्था स्वशासन का भ्रम पैदा करने के लिए जानबूझकर बनाए रखी गई है। इस संदर्भ में उन्होंने सवाल उठाया कि यह शक्तिहीन विधानसभा सिर्फ दुनिया को यह दिखाने के लिए है कि कश्मीरियों को शासन करने का अधिकार दे दिया गया है। लेकिन जब शक्ति ही नहीं है तो शासन कैसे किया जा सकता है? उन्होंने इस पूरे ढांचे को धोखा और जालसाजी बताया।

PoJK में केवल कठपुतली सरकार

मिर्जा ने आगे आरोप लगाया कि इस्लामाबाद PoJK के राजनीतिक नेतृत्व को अपनी इच्छानुसार नियंत्रित करता है और हाल ही में प्रधानमंत्री फैसल राठौर की नियुक्ति इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि वे जब चाहें नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर देते हैं। इस व्यक्ति के पास कोई शक्ति नहीं होती; वह केवल एक कठपुतली होता है। साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि जमीनी स्तर पर लोग इस हकीकत से पूरी तरह वाकिफ हैं।

क्षेत्र में व्याप्त आर्थिक संकट पर मिर्जा ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को भारत द्वारा अनुच्छेद 370 निरस्त करने के बाद भारत के साथ व्यापार बंद होने से PoJK के निवासियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि जब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने विरोध स्वरूप नियंत्रण रेखा पार का व्यापार रोक दिया था, तब इसका खामियाजा पाकिस्तान के अन्य हिस्सों को नहीं, बल्कि PoJK के लोगों को भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि पहले भारतीय जम्मू-कश्मीर से दालें, सब्जियां, गेहूं और चीनी सस्ते दामों पर आती थीं। पाकिस्तान की तुलना में वहां चीजें बहुत सस्ती थीं। अब लोग गुस्से और निराशा में हैं।

मिर्जा ने बताया कि जनता के बढ़ते असंतोष के कारण संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी बार-बार विरोध प्रदर्शन और आम हड़तालें आयोजित कर रही है, क्योंकि कमी और महंगाई की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है। मिर्जा ने पाकिस्तान और उसकी सेना पर PoJK के प्राकृतिक संसाधनों ( नदियां, जंगल और खनिज ) के व्यवस्थित शोषण का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमारी नदियों, जंगलों और दुर्लभ खनिजों पर कब्जा रखता है। हर दिन लकड़ी, कोयला और अन्य खनिजों से लदे ट्रक तस्करी करके पाकिस्तान ले जाए जाते हैं।

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