
नई दिल्ली. दिल्ली (Delhi) और आसपास के इलाकों में बढ़ते वायु प्रदूषण संकट पर संसद (Parliament) में गुरुवार को विस्तृत चर्चा होगी. विपक्षी सदस्यों के लगातार सवालों के बाद लोकसभा (Lok Sabha) में शाम 5 बजे पर्यावरण मंत्री (Environment Minister) भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) सवालों, आपत्तियों और सुझावों का जवाब देंगे.
राज्यसभा में बुधवार को प्रदूषण का गुंजा. कई सांसदों ने केंद्र से खतरनाक एयर क्वालिटी से निपटने की रणनीति पर सवाल किए. डीएमके सांसद कनिमोझी ने पूछा कि क्या गंभीर प्रदूषित इलाकों में बड़े पैमाने पर एयर प्यूरीफायर लगाने के लिए फंड आवंटित किया जा रहा है.
‘वायु प्रदूषण बड़ी समस्या’
बहस में जवाब देते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा, ‘वायु प्रदूषण बड़ी समस्या है. मैं सहमत हूं.’ उन्होंने नागरिकों से AQI रीडिंग के प्रति जागरूक रहने की अपील की और कहा कि सरकार जागरूकता और इन्फोर्समेंट दोनों पर काम कर रही है. नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के तहत देश के 130 शहरों में एयर क्वालिटी सुधार के काम चल रहे हैं.
यादव ने औद्योगिक उत्सर्जन कम करने के गाइडलाइंस जारी करने और इन्फोर्समेंट गैप्स भरने की बात कही.
भूपेंद्र यादव ने स्पष्ट किया कि जमीन पर नियमों को लागू करने की मुख्य जिम्मेदारी शहरी स्थानीय निकायों की है. केंद्र के ज्यादा शहरों में डायरेक्ट इंटरवेंशन की मांग पर मंत्री ने कहा कि केंद्र लोकल बॉडीज को सशक्त बनाने पर फोकस कर रहा है.
निर्माण से जुड़े प्रदूषण पर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2 अप्रैल 2025 से कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन रेगुलेशंस के नए नियम लागू कर दिए गए हैं. अब 20,000 वर्ग मीटर से बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए एंटी-स्मॉग गन अनिवार्य हैं. इसके अलावा केंद्र ने दिल्ली सरकार को डेमोलिशन और कंस्ट्रक्शन वेस्ट के लिए स्पेसिफिक जोन बनाने की सलाह दी गई है, ताकि प्रबंधन बेहतर हो सके.
‘जहरीली गैंस का चैंबर दिल्ली’
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने दिल्ली को जहरीली गैस चैंबर बताया, लेकिन मंत्री ने कहा कि प्रदूषण चिंताजनक है, मगर पिछले सालों की तुलना में सुधार हुआ है. इस सीजन में सिर्फ तीन दिन “सीवियर” AQI रहे, जबकि पिछले साल 12 थे. लगातार मॉनिटरिंग चल रही है.
बुधवार को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रही. शाम 4 बजे शहर का औसत AQI 334 दर्ज किया गया, जो मंगलवार के 354 के मुकाबले थोड़ा बेहतर है.
पूर्वानुमान बताते हैं कि अगले छह दिनों तक स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा और हवा ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी के बीच बनी रहेगी. आज लोकसभा में होने वाली चर्चा में विपक्षी सांसद बड़े स्तर पर एयर प्यूरीफायर लगाने और सरकार की मौजूदा नीतियों की जवाबदेही तय करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
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