
डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस्लामिक प्रचारक (Islamic Preacher) मौलाना शम्सुल हुदा खान (Maulana Shamsul Huda Khan) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) का मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. मौलना पर धार्मिक शिक्षा (Religious Education) की आड़ में कट्टरपंथ फैलाने और अवैध फंडिंग का आरोप है. इसी मामले में जांच शुरू की गई है. ED UP ATS की FIR पर कार्रवाई कर रही है. शम्सुल खान ने मदरसा नेटवर्क के जरिए फंड जुटाया और UK-पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठनों से संबंध रखे. ED अब फंडिंग और विदेशी कनेक्शन की जांच कर रही है. शम्सुल पर आरोप है कि उसने साल 2013 में ब्रिटिश नागरिकता ले ली थी. इसके बाद भी 2013 से 2017 तक भारत में शिक्षक के तौर पर वेतन लेता रहा.
प्रवर्तन निदेशालय ने UK में बैठे इस्लामिक प्रीचर मौलाना शम्सुल हुदा खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. यह एक ऐसा अनोखा मामला है. जब विदेश में रह रहे किसी धार्मिक उपदेशक के खिलाफ PMLA के तहत कार्रवाई की गई है. ED की यह कार्रवाई UP ATS की FIR के आधार पर की गई है. आरोप है कि शम्सुल हुदा खान धार्मिक शिक्षा की आड़ में कट्टरपंथ फैलाने और अवैध फंडिंग में शामिल था. सूत्रों के मुताबिक, आजमगढ़ में जन्मा शम्सुल खान अपनी NGO के नेटवर्क के जरिए मदरसों को फंड भेज रहा था. उसने आजमगढ़ और संत कबीर नगर में दो मदरसे स्थापित किए थे, जिनका रजिस्ट्रेशन बाद में रद्द कर दिया गया.
जांच एजेंसियों का कहना है कि शम्सुल हुदा खान के UK में कट्टरपंथी संगठनों से भी संबंध सामने आए हैं. उसने UK की नागरिकता हासिल कर ली थी, लेकिन इसके बावजूद वह भारत आता-जाता रहा. सूत्रों के अनुसार, शम्सुल खान पाकिस्तान भी गया था और वहां के कट्टरपंथी संगठनों से उसके संपर्क बताए जा रहे हैं. ED अब फंडिंग नेटवर्क, विदेशी कनेक्शन और संपत्तियों की जांच कर रही है. ED का आरोप है कि शम्सुल हुदा खान धार्मिक शिक्षा की आड़ में कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा दे रहा था. जांच एजेंसियां पाकिस्तान के कुछ चरमपंथी संगठनों से उसके संपर्कों की जांच भी कर रही हैं.

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