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UCC पर PM के बयान के बाद ओवैसी का पलटवार, बोले- प्रधानमंत्री बदलें अपनी सोच का सॉफ्टवेयर

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) और तीन तलाक को लेकर दिए गए बयान के बाद राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने पीएम मोदी के बयान पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस ने जहां मणिपुर का मुद्दा उठाया है तो वहीं ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी को अपनी सोच का सॉफ्टवेयर बदलना चाहिए। जेडीयू ने कहा कि बीजेपी केवल वोट बैंक की राजनीति करती है।

कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने कहा, ‘वे (पीएण मोदी) बरोजगारी, गरीबी, मंहगाई, मणिपुर के हालात पर बात क्यों नहीं करते हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि मणिपुर 60 दिनों से जल रहा है, एक बार भी उन्होंने शांति की अपील नहीं की। इन सब मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए वे ऐसी बातें कर रहे हैं।

JDU नेता के.सी. त्यागी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड एक ऐसा विषय है जिस पर सभी राजनीतिक दलों को, सभी हितधारकों को बात करनी चाहिए। भाजपा सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करती है, जिससे धार्मिक ध्रुवीकरण हो। बिहार सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गठित विधि आयोग ने विचार कर जो रिपोर्ट दी, उसमें उन्होंने समान नागरिक संहिता को सही नहीं बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस देश में इसकी आवश्यक्ता नहीं है।

‘देश के संविधान को नहीं बदलने देंगे’
UCC पर PM मोदी की टिप्पणी पर कांग्रेस नेता और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य आरिफ मसूद ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए कि उन्होंने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान की शपथ ली है। देश के सभी वर्गों को संविधान पर भरोसा है और वे इसे बदलने नहीं देंगे।’

मोदी को अपनी सोच का सॉफ्टवेयर बदलना चाहिए: ओवैसी
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह समझने की जरूरत है कि अनुच्छेद 29 एक मौलिक अधिकार है, मुझे लगता है प्रधानमंत्री को यह समझ नहीं आया। संविधान में धर्मनिरपेक्षता की बात है। इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट है, हिंदूओं में जन्म-जन्म का साथ है। क्या आप सबको मिला देंगे? भारत की विविधता को वे एक समस्या समझते हैं।

ओवैसी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री को पाकिस्तान से इतनी मोहब्बत क्यों है? उन्हें अपनी सोच का सॉफ्टवेयर बदलना चाहिए। भारत के मुसलमान को पाकिस्तान, मिस्र से क्या करना है? आप क्या उन्हें बड़ा और हमें कम समझ रहे हैं क्या? यह तो देश विरोधी बात है।


बीजेपी नेताओं ने किया पलटवार
विपक्षी दलों के बयानों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष रूप से कहा कि संविधान यह निर्धारित करता है और अदालतें एक तरह से कह रही हैं कि समान नागरिक संहिता को लागू किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि समान नागरिक संहिता देश में आना चाहिए। समान नागरिक संहिता महिलाओं से जुड़ा हुआ सवाल है इसलिए इसके लिए जो भी करना होगा भारत सरकार वह करेगी।

UCC पर क्या बोले थे पीएम मोदी?
भोपाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘भारत के मुसलमान भाई बहनों को ये समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उनको भड़का कर उनका राजनीतिक फायदा ले रहे हैं। हम देख रहे हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर ऐसे लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पायेगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? उन्होंने कहा कि हमें इस बात को याद रखना है कि भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है।

पीएम मोदी ने कहा कि यह लोग (विपक्षी दल) हम पर आरोप लगाते हैं, लेकिन सच यह है कि यही लोग मुसलमान-मुसलमान करते हैं। अगर यह मुसलमानों के सही मायने में हितैषी होते तो मेरे मुस्लिम परिवार के अधिकांश भाई-बहन शिक्षा-रोजगार में पीछे न रहते। मुसीबत की जिंदगी जीने के लिए मजबूर नहीं रहते। मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार-बार कह रहा है कि कॉमन सिविल कोड लाओ, लेकिन ये वोटबैंक के भूखे लोग, वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने पसमंदों मुसलमानों का शोषण किया है, लेकिन उनकी कभी चर्चा नहीं हुई। उन्हें आज भी बराबरी का हक नहीं मिलता।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा था कि जो भी तीन तलाक के पक्ष में बात करते हैं, जो भी इसकी वकालत करते हैं… वो वोट बैंक के भूखे लोग मुस्लिम बेटियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं। तीन तलाक से केवल बेटियों पर अन्याय नहीं होता…पूरे परिवार तबाह हो जाते हैं। अगर तीन तलाक इस्लाम का जरूरी अंग है तो कतर, जॉर्डन, इंडोनेशिया जैसे देशों में क्यों इसको बंद कर दिया।

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