नई दिल्ली । हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)के अमेरिका दौरे (US tour)पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump)ने भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट(F-35 stealth fighter jets to India) बेचने की पेशकश की थी। अब इसको लेकर भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इस विमान पर अब तक कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं दिया है। उन्होंने भारत को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को अपनाने और अपनी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान कार्यक्रम को तेज करने की जरूरत पर जोर दिया।
मीडिया के एक कार्यक्रम में बोलते हुए एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने अभी तक एफ-35 विमान का विश्लेषण नहीं किया है और इसकी लागत भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा, “हमें इसे सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना होगा कि हमारी आवश्यकताएं क्या हैं और इस विमान के साथ क्या मिलता है। लागत भी इसका एक हिस्सा है। यह कोई वॉशिंग मशीन या रेफ्रिजरेटर नहीं है कि जिसे सिर्फ दिखा और अच्छा लगा तो खरीद लिया। हमने अभी इस पर कोई विचार नहीं किया है। अब तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है।”
14 फरवरी को भारत और अमेरिका ने नई 10-वर्षीय रक्षा साझेदारी पर हस्ताक्षर किए थे। इस दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि अमेरिका ‘एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू जेट’ विमान की संभावित आपूर्ति सहित भारत को सैन्य हार्डवेयर की बिक्री में वृद्धि करेगा।
हालांकि, एयर मार्शल एपी सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि चीन द्वारा छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के प्रदर्शन के बीच भारत को अपने तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए लड़ाकू विमान खरीदने पड़ सकते हैं। भारत का पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान कार्यक्रम एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) अभी विकास के चरण में है और इसके पहले विमान के 2035 तक शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “हमें तब तक तैयार लड़ाकू विमान खरीदने पड़ सकते हैं, जब तक कि एएमसीए विकसित नहीं हो जाता। या फिर हमें एएमसीए के विकास को तेज करना होगा।”
भारतीय वायु सेना को लड़ाकू विमानों की जरूरत
भारत के पास वर्तमान में 30 लड़ाकू स्क्वाड्रन हैं, जबकि स्वीकृत क्षमता 42 स्क्वाड्रन की है। एक स्क्वाड्रन में 18 लड़ाकू विमान होते हैं। चीन द्वारा छठी पीढ़ी के विमान विकसित करने और अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को उसके एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए वित्तीय सहायता दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए, एयर मार्शल एपी सिंह ने नवीनतम तकनीक अपनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “इससे उन्हें बढ़त मिलेगी। यह बिल्ली और चूहे का खेल है जो लगातार चलता रहेगा। फिलहाल, हम नई तकनीक के पीछे दौड़ रहे हैं। हमें एक ऐसी स्थिति में पहुंचना होगा, जहां दुनिया हमारी तकनीक को फॉलो करे और हम वैश्विक रक्षा क्षेत्र में नेतृत्व करें।”
तेजस जेट की देरी पर ‘मित्रवत वार्तालाप’
वायु सेना प्रमुख ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के अधिकारियों को तेजस लड़ाकू विमानों की डिलीवरी में देरी पर फटकार लगाने के वायरल वीडियो पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे “फ्रेंडली बातचीत” करार देते हुए कहा, “किसी निजी बातचीत को लीक करना गलत है। मैं एचएएल के अपने सहयोगियों से बात कर रहा था। हम साथ प्रशिक्षित हुए हैं। यह टेस्टिंग टीम और इंजीनियरों के साथ एक फ्रेंडली चर्चा थी, जिनके साथ मैंने काम किया है।”
बता दें कि पीएम मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने कहा था, ‘‘इस साल से हम भारत को सैन्य बिक्री में कई अरब डॉलर का इजाफा करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत को अंततः ‘एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू लड़ाकू विमान’ देने का रास्ता भी साफ कर रहे हैं।’’ एफ-35 लड़ाकू विमान को दुनिया के सबसे घातक, टिकाऊ और कनेक्टेड लड़ाकू विमानों के रूप में जाना जाता है।
संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि क्या भारत, अमेरिका से एफ-35 लड़ाकू जेट विमान खरीदने की योजना बना रहा है, इस पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि यह अभी प्रस्ताव के स्तर पर है। उन्होंने कहा, ‘‘यह अभी प्रस्ताव के स्तर पर है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस संबंध में औपचारिक प्रक्रिया अभी शुरू हुई है।’’
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