इंदौर, विकाससिंह राठौर। इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर जल्द ही दुनिया के बड़े एयरपोर्ट की तरह हाईटेक साधनों से सुरक्षा नजर आएगी। यहां टायर किलर्स और हाइड्रोलिक बोलार्ड लगाए जाएंगे। इन्हें एयरपोर्ट के सभी इंट्री और एक्जिट गेट के साथ ही ऑपरेशनल एरिया, यानी रनवे की ओर जाने वाले गेट्स पर लगाया जाएगा, जिससे किसी भी वाहन को बिना अनुमति प्रवेश या भागने से रोका जा सकेगा।
वाहनों को रोकने और निष्क्रिय करने वाले ये हाईटेक सुरक्षा उपकरण आपने अकसर हॉलीवुड फिल्मों में हाईसिक्योरिटी एरिया में देखे होंगे। देश में कुछ ही एयरपोट्र्स पर ऐसे उपकरणों को लगाया गया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिए हैं। इन हाईटेक उपकरणों को अगले कुछ माह में एयरपोर्ट पर लगाया जाएगा, जिससे यहां की सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता हो जाएगी। इनके बाद कोई भी वाहन बिना अनुमति एयरपोर्ट में प्रवेश नहीं कर पाएगा। इंदौर एयरपोर्ट देश के संवेदनशील एयरपोर्ट की सूची में शामिल है। इसे देखते हुए यहां कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं।
एक बटन दबाते ही निकल आएंगे टायर किलर्स और हाइड्रोलिक बोलार्ड
एयरपोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि इन उपकरणों को एयरपोर्ट के इंट्री और एक्जिट गेट के साथ ही एयर साइट के इंट्री और एक्जिट पाइंट पर लगाया जाएगा, ताकि कोई भी वाहन बिना अनुमति यहां प्रवेश न कर सके या भाग सके। ये सिस्टम अत्याधुनिक होने के कारण ऊपर से नजर नहीं आएगा, लेकिन एक बटन दबाते ही टायर किलर्स और हाइड्रोलिक बोलार्ड निकल आएंगे। टायर किलर्स के कारण कोई भी वाहन अगर उसके ऊपर से गुजरता है तो उसके टायर फट जाएंगे और वह चल नहीं पाएगा। वहीं हाइड्रोलिक बोलार्ड छोटे खंभों की तरह मार्ग पर निकल आएंगे, जिससे वाहन आगे नहीं जा पाएगा और रास्ता बंद हो जाएगा। दोबारा बटन दबाने पर ये दोनों वापस नीचे चले जाएंगे और रास्ते से आसानी से वाहन आ-जा सकेंगे।
70 लाख रुपए खर्च होंगे इस सिस्टम पर
एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इस सिस्टम को एयरपोर्ट पर लगाने के लिए हाल ही में ग्लोबल टेंडर जारी किए हैं। इसके लिए 84 लाख की राशि का प्रावधान किया गया है। जल्द ही टेंडर से जुड़ी सभी जरूरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस सिस्टम को इंस्टाल करने का काम शुरू किया जाएगा। इस सिस्टम को लगाने वाली कंपनी को ही पांच साल के लिए सिस्टम की देखरेख की व्यवस्था भी संभालना होगी। इस काम के लिए अथॉरिटी द्वारा मेक इन इंडिया उपकरणों को प्राथमिकता दिए जाने की बात भी कही गई है।
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