नई दिल्ली। टीम इंडिया (Team India) ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी (Ind Vs Aus) में जीत हासिल करके इतिहास रच दिया। इस सीरीज की शुरुआत टीम ने एडिलेड में शर्मनाक हार के साथ की थी, मगर इसके बाद अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) की अगुआई में भारतीय टीम ने सीरीज में वापसी की और 2-1 से कब्जा किया।
पूरी दुनिया इस टीम को सलाम कर रही है, क्योंकि इस टीम में ज्यादातर खिलाड़ी युवा थे। विराट कोहली, मोहम्मद शमी, उमेश यादव सहित कई अनुभवी खिलाड़ी टीम में नहीं थे और फिर एक युवा टीम ने गाबा में जीत दर्ज करके सीरीज पर कब्जा किया।
भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने के साथ ही अजिंक्य रहाणे की तारीफ सिडनी टेस्ट की वजह से भी हो रही है, जब टीम के कुछ खिलाड़ियों का ध्यान भटकाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों ने अपनी हद पार कर दी थी और ऐसे में रहाणे ने तुरंत एक्शन लिया। दरअसल सिडनी टेस्ट के दौरान मोहम्मद सिराज, जसप्रीत बुमराह नस्लीय टिप्पणियों का शिकार हुए। इसके बाद टीम ने मैदान पर इसकी शिकायत भी की थी।
अजिंक्य रहाणे ने भारत लौटने के बाद स्पोर्ट्स टुडे से बात करते हुए खुलासा किया था कि सिडनी में उन्हें मैदान से बाहर जाने तक के लिए कह दिया गया था। रहाणे ने कहा कि सिडनी में सिराज और बाकी कुछ खिलाड़ियों के साथ जो भी चीजें हुईं, वो बहुत निराशजनक है। हमनें कड़ा कदम उठाया और हम मैदान से बाहर नहीं गए, क्योंकि हम यहां पर खेलने आए हैं।
रहाणे ने कहा कि हम हमारे खिलाड़ियों का सम्मान करते हैं और मैं हमेशा उनके साथ हूं। सिराज की तारीफ करते हुए अजिंक्य रहाणे ने कहा कि मैं सिराज के लिए काफी खुश हूं। सीरीज में उन्होंने जो कर दिखाया। उन्होंने अपने पिता को खो दिया, मगर वह मजबूत थे। टीम के साथ रहना चाहते थे। हर नेट सेशन में कड़ी मेहनत की। ऑस्ट्रेलिया में उन्हें जो भी सफलता मिली, इसका श्रेय उन्हें खुद को जाना चाहिए।
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