नई दिल्ली। कोरोना काल में एक ओर जहां आम आदमी महंगाई से जूझ रहा है वहीं दूसरी ओर निवेश में भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. दरअसल, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (PM Narendra Modi Government) ने पिछले काफी समय से छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) के ब्याज दरों (Intrest Rate) में बढ़ोतरी नहीं की है. बता दें कि सरकार ने मार्च में छोटी बचत योजनाओं के ऊपर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर दिया था. हालांकि विरोध बढ़ने के बाद सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया था. 1 जुलाई से शुरू तिमाही के लिए सरकार ने ब्याज दरों को स्थिर रखा हुआ है.
हर तीन महीने में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें होती हैं तय
गौरतलब है कि सरकार हर तीन महीने में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें तय करती है. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), किसान विकास पत्र (KVP), सुकन्या समृद्धि योजना समेत छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों का हर तीन महीने में रिवीजन किया जाता है.
पिछली बार ब्याज दरों को घटाने के फैसले को ले लिया गया था वापस
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट के जरिए छोटी बचत योजनाओं पर पुरानी ब्याज दर लागू रहने की जानकारी दी थी. बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछली बार छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने का ऐलान किया था. वहीं वित्त मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार छोटी योजनाओं पर ब्याज दर 1.10 फीसदी तक घटाई गई थी. नोटिफिकेशन में नई दरें नए वित्तीय साल की एक अप्रैल 2021 से लागू होने की बात कही गई थी. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) के ब्याज दर में 70 बेसिस प्वाइंट की कमी की गई थी.
बता दें कि PPF पर अभी तक 7.1 फीसदी का सालाना ब्याज मिल रहा था, जो कि अब घटा कर 6.4 फीसदी कर दिया गया था, लेकिन अब सरकार ने ब्याज घटाने के फैसले को वापस ले लिया है. वहीं एनएससी पर भी ब्याज दर को 6.8 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत किया गया था. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर 7.4 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी किया गया था. सुकन्या समृद्धि योजना में भी ब्याज दर में कटौती की गई थी. इस योजना में 7.6 प्रतिशत सलाना का ब्याज मिलता था. इसे घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया गया था.
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