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भोपाल के अलावा इंदौर में भी कोरोना के मामले बढ़ने पर सरकार सतर्क


भोपाल। भोपाल के अलावा (Apart from Bhopal) इंदौर (Indore) में भी कोरोना के मामले (Cases of corona)एक बार फिर बढ़ने (Increase) पर सरकार (Government) अलर्ट (Alert) मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश (Extra caution instructions) सरकारी अमले को दिए हैं, वहीं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने पूर्व में पाबंदियों को खत्म करने के फैसलों को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।


राजधानी के अलावा इंदौर में भी कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। संक्रमण के बढ़ते खतरे को लेकर सरकार सतर्क है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों के साथ भोपाल में बैठक की और कहा, कोविड-19 के नए केस सामने आ रहे हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों से हैं। हमें अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यदि तत्काल सावधानियां नहीं बरती गईं, तो स्थिति बिगड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए भोपाल में बढ़ रहे मामलों को देखते हुए पूरे प्रदेश में सतर्कता की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में स्कूल खोले जाने का जिक्र करते हुए कहा कि अभी स्कूलों में 50-50 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति के निर्देश दिए हैं। 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों को अभी टीका नहीं लगा है, इसलिए बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। हाथ साफ रखने, सैनेटाइजेशन, मास्क के लिए बच्चों को प्रेरित करें।

बीमारी के फैलने से पहले सभी इंतजाम दुरुस्त करने को लेकर उन्होने कहा, दवाइयां, उपकरण की पर्याप्त व्यवस्था के साथ अस्पतालों में सभी इंतजाम रखें। ऑक्सीजन के प्लांट चालू करके देख लें कि ये काम कर रहे हैं या नहीं। कहीं कोई कमी न रह जाए, सभी बिन्दुओं को अवश्य देख लें। ईश्वर न करें कोई अप्रिय स्थिति बने, लेकिन हम तैयारी में कोई कमी न रखें।
जनसामान्य में जागृति लाने की चर्चा करते हुए चौहान ने कहा, हमें जनजागृति के प्रयास करने होंगे कि सभी लोग सतर्क रहें, मास्क लगाएं, शारीरिक दूरी सहित कोरोना से बचाव के संदर्भ में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। किसी आयोजन पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगा रहे हैं, लेकिन सभी जिलों में सतर्कता के प्रति सभी गंभीरता से रहें।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ने जब 17 नवंबर को कोरोना को लेकर लागू तमाम प्रतिबंधों को हटाने का एकाएक निर्णय लिया था, स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया था, आयोजनों को छूट प्रदान करने का निर्णय लिया था, तभी मैंने विरोध किया था और मैंने उसी दिन कहा था कि सरकार को एकदम से तमाम प्रतिबंध हटाने की बजाय, धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों को शिथिल करते हुए छूट प्रदान करनी थी क्योंकि अभी खतरा टला नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आगे कहा, तीसरी लहर और नए वेरिएंट की आशंका और खतरा अभी भी सिर पर है। 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है, कई पात्र लोगों का अभी तक वैक्सीनेशन होना बाकी है। मैंने सवाल भी उठाए थे कि क्या सरकार ने निर्णय लेने के पूर्व कोरोना गाइडलाइन के पालन की संपूर्ण व्यवस्था कर ली है।

उन्होंने अपने पूर्व बयान का जिक्र करते हुए कहा, मैंने यह भी कहा था कि सरकार के इस निर्णय के बाद यदि संक्रमण बढ़ता है, जन हानि होती है तो क्या सरकार उसकी जिम्मेदारी लेगी। स्कूलों को पूरा खोलने का निर्णय भी ठीक नहीं था आखिर सरकार को कई दिन बाद समझ आयी और स्कूलों को लेकर निर्णय लिया गया है कि स्कूल 50 प्रतिशत क्षमता से खुलेंगे, ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन पढ़ाई भी होगी, माता- पिता की सहमति जरूरी होगी।
कमल नाथ ने कोरोना की स्थिति को लेकर कहा, जिस तरह से कोरोना के नए वेरिएंट के मामले विश्व भर में सामने आ रहे हैं, तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है, सरकार को तत्काल सभी आवश्यक कड़े कदम उठाना चाहिए, स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की जानी चाहिये।

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