उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

1 June से Banks बन गई वसूली पटेल

  • एटीएम से अपना ही पैसा निकालने के लिए देना पड़ रहा सर्विस चार्ज-चेक बुक का एक पन्ना ग्राहकों को पड़ रहा 4 से 5 रुपए में

उज्जैन। एक समय था जब सरकारी और गैर सरकारी बैंकों में खाता खुलवाने के लिए ग्राहकों को तरह-तरह की सुविधाएँ और छूट दी जाती थी। जब से बैंकों में ऑफलाईन की बजाय ऑनलाईन लेन-देन की प्रक्रिया शुरु हुई है तब से ग्राहकों को बैंकों से मिलने वाले ब्याज से कई गुना ज्यादा नई सुविधाओं के नाम पर सर्विस टैक्स चुकाना पड़ रहा है। लोगों में इसके बाद बैंकों के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।
कोरोना काल में बढ़ती घरेलू गैस सिलेण्डरों से लेकर पेट्रोल-डीजल तक की महंगाई वैसे ही मध्यमवर्गीय और गरीबों परिवारों को हैरान परेशान किए हुए है, वहीं तेल, दाल और खाने-पीने की अन्य वस्तुओं के दाम भी रोजाना रूला रहे हैं। इस बीच जून के महीने से कई सरकारी और गैर सरकारी बैंकों ने अपने ग्राहकों को सेवा उपलब्ध कराने के नाम पर कई तरह के सर्विस चार्ज बढ़ा दिए हैं। अधिकांश बैंकों ने अपने ग्राहकों को एटीएम से राशि निकालने की एक महीने में सीमा तय कर दी है। इसमें किसी बैंक में तीन या चार बार से ज्यादा एटीएम से राशि निकालने पर 20 से 25 रुपए सर्विस चार्ज लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं एटीएम से राशि निकालने के बाद मोबाइल पर बैलेंस के लिए दिए जा रहे एसएमएस का चार्ज भी 10 से 17 रुपए तक लिया जा रहा है। निजी बैंकों में भी करीब-करीब यही हालत है। यहाँ कई निजी बैंकों में 5 हजार या 10 हजार की राशि खातों में मिनीमन बैलेंस के लिए निर्धारित की गई है। कई बार गरीब या मध्यमवर्गीय लोग इसमें खाता खुलवाने के बाद मिनीमम बैलेंस पर्याप्त नहीं रख पा रहे तो उनके खाते से हर महीने 100 रुपए से लेकर 600 रुपए की राशि काटी जा रही है। कई गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों ने बैंकों के इन लूट वाले नए नियमों से तंग आकर खाते बंद करना शुरु कर दिया है। शहर के आम नागरिकों का कहना है कि सरकारी हो या निजी सभी बैंक एफडी पर भी अब सालाना अधिकतम 5 प्रतिशत ब्याज दे रहे हैं। सेविंग खातों पर तो इससे भी कम ब्याज मिलता है लेकिन जब हम अपना ही जमा पैसा बैंकों से निकालने जा रहे हैं तो उसके मनमाने चार्ज वसूले जा रहे हैं। खाता खुलवाते वक्त बैंकों का स्टाफ ग्राहकों को चेकबुक और एटीएम सेवा लेने के आवेदन कराते हैं। कहते हैं उन्हें बैंक आने-जाने की झंझट नहीं रहेगी। शुरुआत में अधिकांश बैंकों में 10 पन्ने की चेकबुक नि:शुल्क दी जाती है लेकिन इसके बाद नई चेकबुक का चार्ज लगाया जाता है। नई चेकबुक का एक पन्ना अधिकांश बैंकों में ग्राहक को 4 से 5 रुपए में पड़ रहा है। कुल मिलाकर लोगों का कहना है कि बैंकों में सुविधा के नाम पर उनसे ब्याज के मुकाबले कई गुना ज्यादा सर्विस चार्ज वसूला जा रहा है यह लूट ठीक नहीं।

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