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    वंदे भारत से बेहतर सुविधा, किराया राजधानी से भी कम; 50 अमृत भारत ट्रेनें चलाने की तैयारी

  • April 13, 2024

    नई दिल्‍ली (New Delhi)। रेलवे बोर्ड (Railway Board)ने चालू वित्तीय वर्ष में आम रेल यात्रियों (common rail passengers)के लिए 50 अमृत भारत ट्रेनें (Amrit Bharat Trains)चलाने का फैसला (Decision)किया है। सभी ट्रेनों में स्लीपर-जनरल कोच होंगे। केसरिया रंग की इन अमृत भारत ट्रेनों को पुल-पुश तकनीक से 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर दौड़ाया जाएगा। औसत गति अधिक होने के कारण यह ट्रेनें राजधानी एक्सप्रेस से भी कम समय लेंगी। इनके कोच में सुविधाएं मेल-एक्सप्रेस से बेहतर होंगी।

    रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) में अमृत भारत ट्रेनों के कुल 1230 कोच का उत्पादन करने का फैसला किया गया है। इसमें स्लीपर श्रेणी (एलडब्ल्यूएससीएच) के 600 कोच, जनरल श्रेणी (एलडब्ल्यूएस) के 440 कोच और गार्ड-स्लीपर श्रेणी (एलएसएलआरडी) के 130 कोच का उत्पादन किया जाएगा। इस प्रकार वित्तीय वर्ष में कुल 50 अमृत भारत ट्रेनों को चलाया जाएगा और इनके कोच स्लीपर-जनरल होंगे। यानी अमृत भारत आम रेल यात्रियों की ट्रेनें होंगी।


    राजधानी से कम किराया

    अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में दो अमृत भारत ट्रेनें आनंद विहार-अयोध्या और दिल्ली-दरभंगा के बीच चलार्ई जा रही हैं। चरणबद्ध तरीके से इनकी संख्या 52 तक करने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि भारतीय रेल में अमृत भारत ऐसी ट्रेनें हैं जिसमें जर्क (झटके) नहीं लगेंगे। क्योंकि इसमें सेमी स्थायी कप्लर लगे हैं। यह एलएचबी तकनीकी का विकसित वर्जन है। पुल-पुश तकनीक होने के कारण अमृत भारत ट्रेनों की औसत रफ्तार राजधानी ट्रेनों की अपेक्षाकृत अधिक होगी। जिससे ये ट्रेनें गंतव्य तक पहुंचने में राजधानी एक्सप्रेस से भी कम समय लेंगी। जबकि किराया राजधानी से कम होगा।

    वंदे भारत जैसी सुविधा

    अमृत भारत में टॉयलेट की डिजाइन वंदे भारत ट्रेन की तर्ज पर है। पूरी ट्रेन में बगैर प्लेटफार्म पर उतरे कोच के भीतर से आखिरी कोच तक पहुंचा जा सकता है। वर्तमान में नॉन एसी कोच में यह सुविधा नहीं है। लगेज रखने के जगह ऊंची व चौड़ी है। जनरल श्रेणी के कोच के बर्थ में भी कुशन लगाए गए हैं। विकलांगों को ध्यान में रखते हुए ट्रेन के आगे व पीछे विशेष प्रकार के एसएलआर कोच लगे हैं।

    130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार

    रेलवे बोर्ड ने अमृत भारत ट्रेनों को अधिकतम 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर चलाने का फैसला किया है। इस रफ्तार पर राजधानी, शताब्दी, दुरंतो व वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें 110 किलोमीटर प्रतिघंटा पर चलाई जाती हैं। आगे-पीछे दो इंजन वाली अमृत भारत ट्रेन की औसत रफ्तार पुल-पुश तकनीक के चलते बढ़ जाती है। इसमें तेज गति से पिकअप व तेज गति से ट्रेनों को रोकना संभव हो पाता है। इससे उनकी औसत रफ्तार बढ़ जाती है।

    तमाम सुविधाओं और तेज सफर के मद्देनजर मेल-एक्सप्रेस की अपेक्षा अमृत भारत ट्रेनों का किराया 15-17 फीसदी अधिक होगा। इसका इंजन वंदे भारत की तर्ज पर होगा, जोकि पूरी तरह से केसरिया रंग का होगा। जबकि इसके कोच की खिड़की के ऊपर व नीचे केसरिया रंग की पट्टी होगी।

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