मुंबई। महाराष्ट्र में कांग्रेस (Congress in Maharashtra) को बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता वसंत दादा पाटिल (Vasant Dada Patil) की बहू जयश्री पाटिल ने आज अपने सांगली जिले के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी ज्वाइन कर ली। इस दौरान महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले और अन्य नेता उपस्थित रहे।
वसंतदादा पाटिल की बहू के कांग्रेस छोड़ने से बीजेपी को काफी फायदा मिलेगा। जयश्री पाटिल के बीजेपी में शामिल होने से पश्चिमी महाराष्ट्र में बीजेपी की ताकत बढ़ेगी और खासकर मराठा वोट बैंक बीजेपी की तरफ आएगा। अब तक मराठा वोट बैंक शरद पवार, अजित पवार, कांग्रेस पार्टी से जुड़ा रहा है लेकिन अब बीजेपी भी पूर्व सीएम वसंतदादा पाटिल के परिवार को जोड़कर अपना वर्चस्व बढ़ाएगी।
वसंत दादा पाटिल महाराष्ट्र के एक प्रमुख राजनेता थे, जो स्वतंत्रता सेनानी भी रहे। उनका जन्म 13 नवंबर 1917 को सांगली जिले के पद्माळे गांव में एक शेतकरी परिवार में हुआ और मृत्यु 1 मार्च 1989 को हुई। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे और महाराष्ट्र की राजनीति में उनकी काफी पकड़ थी।
वसंत दादा ने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भाग लिया। उन्होंने महात्मा गांधी और विनोबा भावे जैसे नेताओं से प्रेरणा ली और सत्याग्रही के रूप में कई बार जेल गए। सांगली में ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल थे, जिसमें एक घटना में उन्हें गोली भी लगी थी। वह महाराष्ट्र के सीएम रहे और राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी काम किया। उन्होंने कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काफी काम किया। उनके सहकारी कार्यों के लिए 1967 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।
1978 में शरद पवार ने वसंत दादा की सरकार के खिलाफ बगावत की थी, जिसके कारण उनकी सरकार गिर गई थी। वसंत दादा ने ग्रामीण महाराष्ट्र में कांग्रेस का प्रभाव बढ़ाया और सामाजिक एकता पर जोर दिया। वसंत दादा को उनकी सादगी, व्यवहारिकता और जनता से जुड़ाव के लिए जाना जाता था। लोग उन्हें प्यार से “दादा” कहते थे।
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