बिहार: बिहार के नालंदा जिले (Nalanda district of Bihar) के बिहारशरीफ में रामनवमी जुलूस (Ram Navami Procession) को लेकर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार को बिहारशरीफ के पहाड़पुरा (Paharpura of Biharsharif) इलाके में दो गुट भिड़ गए. इस दौरान हुई 12 राउंड फायरिंग (12 round firing) से इलाके में अफरातफरी का माहौल हो गया. इलाके में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. पुलिस लोगों से शांति और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील कर रही है.
गौरतलब है कि रामनवमी के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को पहले सासाराम में पथराव-आगजनी हुई थी. फिर नालंदा भी सुलग उठा. नालंदा में हालात और भी बिगड़े. यहां पथराव के साथ फायरिंग भी हुई, जिसमें 5 लोगों को गोली लगी. बिहारशरीफ में कुछ देर के लिए शांति हुई ही थी कि एक बार फिर दो गुट आमने-सामने आ गए और 12 राउंड फायरिंग हुई. इससे इलाके में सनसनी और दहशत फैल गई.
जुलूस पर पथराव की ताजा घटना झारखंड के साहिबगंज से भी सामने आई है. यहां चैती दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान जुलूस पर पथराव किया गया. इसको देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने मोर्चा संभाला है और स्थिति नियंत्रण में है. उपायुक्त रामनिवास यादव और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे हैं.
बता करें बिहार की तो यहां सासाराम में हिंसा का खौफ ऐसा है कि कुछ लोग घर छोड़ कहीं और चले गए. हिंसा की घटनाओं को देखते हुए सासाराम में सभी शैक्षणिक संस्थान 4 अप्रैल तक बंद रहेंगे. लोगों के घर छोड़ने के मामले में सासाराम एसपी का कहना है कि कस्बे में स्थिति सामान्य हो गई है और क्षेत्र से लोगों के पलायन की खबरें निराधार हैं.
उधर, नालंदा के कई इलाकों में शुक्रवार के दंगे के बाद अब भी कई जगह धुआं उठ रहा है. लोग डरे हुए हैं. तबाही के निशान साफ दिख रहे हैं. दरअसल, बिहार के रोहतास और नालंदा जिले के मुख्यालय क्रमश: सासाराम और बिहारशरीफ में रामनवमी की शोभायात्रा खत्म होने ही वाली थी, तभी दोनों शहर धधक उठे थे. शेरशाह का शहर सासाराम और ऐतिहासिक शहर नालंदा में हिंसा की आग की ऐसे जली कि लोग सिहर उठे.
यहां शुक्रवार दोपहर उपद्रवियों ने पथराव किया, बाइकें तोड़ीं, गाड़ियों को जलाया और लूटपाट भी की थी. कई घंटे तक सासाराम में हिंसा का खुला खेल चलता रहा. हालात पर काबू पाने के लिए हिंसा प्रभावित इलाके में धारा-144 लागू है. सासाराम के एक हिंसाग्रस्त इलाके में घर खाली करके जा रहे एक दंपती ने पुलिस प्रशासन के दावों की पोल खोल दी. घर के मुखिया ने बताया, ”जब हम लोगों की रखवाली ही कोई नहीं कर रहा तो यहां कैसे रहेंगे?”
इसके अलावा, अपने बचे खुचे सामान को समेटकर जाने की तैयारी कर रही महिला ने आरोप लगाया, ”प्रशासन के सामने हमारे घरों में आग लगाई गई. सामान जलाकर राख कर दिया गया. जब हम लोगों ने मदद की गुहार लगाई तो पुलिस-प्रशासन की ओर से कहा गया कि आप लोग पहले जान बचाइए. जिंदगी रहेगी तो कितने ही घर मिल जाएंगे. इसलिए हम मजबूरी में भाग रहे हैं.”
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