हुगली (hooghly)। बिहार और पश्चिम बंगाल (Bihar and West Bengal) रामनवमी से हिंसा की आग अभी भी जल रही है। दोनों ही राज्यों में 30 मार्च को हिंसा हुई थी, तब से ही वहां तनाव है। वहीं हावड़ा के शिबपुर (Shibpur of Howrah) के बाद रविवार शाम रामनवमी के जुलूस के दौरान पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिसड़ा में हिंसा भड़क गई। इलाके में पथराव, बमबाजी और आगजनी की घटनाएं हुईं। इलाके में आरएएफ समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और धारा 144 लागू की गई है। प्रभावित क्षेत्र में सोमवार रात 10 बजे तक इंटरनेट सेवा निलंबित है। पुलिस सूत्रों के अनुसार हिंसा के सिलसिले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उल्लेखनीय है कि रविवार की शाम को जब पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष, पुरसुरा के भाजपा विधायक बिमान घोष आदि हजारों लोगों के साथ रामनवमी का जुलूस वेलिंगटन जूट मिल के पास बड़ी मस्जिद से गुजर रहा था तो उपद्रवियों के एक समूह ने शोभायात्रा पर पथराव शुरू कर दिया। परिणामस्वरूप भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। लोग दहशत में इधर-उधर भागने लगे। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया लेकिन सब व्यर्थ रहा। इस घटना में बीजेपी विधायक बिमान घोष समेत कई लोग घायल हो गए।
भाजपा नेता दिलीप घोष ने इस घटना के लिए पुलिस निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि श्रीरामपुर के टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया है कि हिंसा बीजेपी नेताओं के उकसाने पर हुई है। बहरहाल, सोमवार सुबह इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती देखी गई। इलाके में स्थिति बहुत तनावपूर्ण बनी हुई है।
क्या एक्शन हो सकता है?
आईपीसी की धारा 159 में ‘दंगा’ की परिभाषा दी गई है इसके मुताबिक, किसी सार्वजनिक स्थान पर जब दो या उससे ज्यादा व्यक्ति लड़ते हैं और सार्वजनिक शांति में बाधा डालते हैं तब कहा जाता है कि वो दंगा करते हैं।
आईपीसी की धारा 146 में ‘बलवा करना’ को परिभाषित किया गया है। अगर किसी जगह पर कोई जमावड़ा होता है और उसका मकसद बल या हिंसा का प्रयोग करना है तो ऐसे जमावड़े में शामिल हर व्यक्ति बलवा करने के अपराध का दोषी होगा!
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