
नई दिल्ली । 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले बीजेपी (BJP) उन राज्यों में अपनी पैठ बढ़ाना चाहती है, जो अभी तक उसकी सत्ता से दूर रहे हैं या जहां पर उसकी मौजूदगी नहीं है. इसके लिए उसने दक्षिण भारत (South India) पर अपनी नजरें जमा ली हैं. हैदराबाद (Hyderabad) में शनिवार से शुरू होने वाली बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (national executive meeting) में अगले दो दिनों तक देश के राजनीतिक और आर्थिक एजेंडे के अलावा इसी मुद्दे पर विचार मंथन होगा. सूत्रों के हवाले से खबर है कि दक्षिणी राज्यों पर फोकस के अलावा कार्यकारिणी की बैठक में ‘वंशवाद मुक्त भारत’ को लेकर भी एक संदेश भी दिया जा सकता है.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि 2024 के चुनावी अभियान की थीम वंशवाद-मुक्त भारत रखने पर विचार किया जा रहा है, क्योंकि दक्षिणी राज्यों सहित देश के सभी क्षेत्रीय दलों की लगभग यही स्थिति है. वंशवाद की राजनीति को लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ सबसे बड़े खतरे के रूप में पेश किया जाएगा, क्योंकि ये अधिकार की राजनीति का प्रतीक है और भ्रष्टाचार व कुशासन का मूल कारण है.
बीजेपी नेता ने आगे कहा कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस मुक्त भारत और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के नारे दिए थे. इन दोनों को “वंश-मुक्त भारत” अभियान में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हैदराबाद में कार्यकारिणी की बैठक के आयोजन का स्पष्ट संदेश यही है कि अगले आम चुनाव से पहले भाजपा का ध्यान दक्षिणी राज्यों पर होगा. चुनाव के नजरिए से यहां पर कई इलाके अभी पार्टी के लिए अछूते हैं. इन्हें किस तरह कवर किया जाए, इस पर भी बैठक में चर्चा होगी.
“वंशवाद की राजनीति” को लेकर पीएम मोदी भी अक्सर अपने भाषणों के जरिए निशाना साधते रहे हैं. भाजपा के 42वें स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि भाजपा जहां राष्ट्र के प्रति समर्पित है, वहीं कुछ दल ऐसे भी हैं जो ‘परिवारों के लिए समर्पित’ हैं. उन्होंने कहा था कि इस देश में अभी भी दो तरह की राजनीति चल रही है. एक है परिवार की भक्ति और दूसरी देशभक्ति. ये लोग भले ही अलग-अलग राज्यों में हों, लेकिन एक-दूसरे के भ्रष्टाचार को ढकते हुए वंशवाद की राजनीति के धागों से जुड़े रहते हैं. राष्ट्रीय स्तर पर और कुछ राज्यों में कई राजनीतिक दल ऐसे हैं, जो केवल अपने परिवार के हितों के लिए काम करते हैं… ऐसी पारिवारिक पार्टियों ने इस देश के युवाओं को कभी आगे बढ़ने नहीं दिया.’
बता दें कि 2024 में आम चुनाव से पहले 2023 में कई राज्यों के विधानसभा चुनाव भी होने हैं, जिनमें तेलंगाना, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम और राजस्थान शामिल हैं. इसके मद्देनजर बीजेपी कार्यकारिणी की इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है.
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