उदयपुर। उदयपुर (Udaipur) में कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर समाप्त हो गया है। इस शिविर के अंतिम दिन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आगे की योजना का पूरा खाका सामने रखा और कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ यात्रा शुरू होगी। उधर गुजरात चुनाव और इस बार कुछ नई चुनौतियों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अहमदाबाद में ‘चिंतन शिविर’ लगाने का फैसला किया है।
रविवार से अहमदाबाद में दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah), गुजरात इनचार्ज और वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव व मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Chief Minister Bhupendra Patel) समेत बड़े नेता शामिल होंगे। गुजरात में छठी बार लगातार सरकार बनाने के लिए जरूरी नीतियों के लिए यह चिंतन शिविर (contemplation camp) आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने की वजह से यहां का चुनाव भाजपा की प्रतिष्ठा का चुनाव है।
सूत्रों का कहना है कि इस महाबैठक में दूसरी पार्टियों से आए नेताओं की जीत के आसार और उनको टिकट देने को लेकर चर्चा होगी। पांच बार से लगातार गुजरात में भाजपा की सरकार (BJP government) है। ऐसे में एंटी इनकंबेंसी फैक्टर से लड़ने के लिए भी तैयारी की जाएगी। वहीं बढ़ती महंगाई, पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतें और रोजगार के मुद्दों से निपटने की रणनीति बनाई जाएगी।
बता दें कि गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटें हैं। 2017 के चुनाव में भाजपा ने 90 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार गुजरात में कांग्रेस को अहमद पटेल के बिना ही चुनाव लड़ना होगा। उनके निधन के बाद उनकी जगह किसी भी नेता का ले पाना मुश्किल है। वहीं बात करें अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल की तो कुछ दिनों से वह कांग्रेस पार्टी से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं।
गुजरात में इस बार आम आदमी पार्टी ने भी जोर आजमाइश करना शुरू कर दिया है। पिछले चार दशकों से यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच ही टक्कर हुआ करती थी। हालांकि इस बार आम आदमी पार्टी कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगाने की फिराक में है। आम आदमी पार्टी खुद को कांग्रेस के विकल्प के तौर पर पेश कर रही है। वहीं AIMIM भी गुजरात चुनाव में उतरने वाली है।
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