लंदन। ब्रिटेन (Britain) ने 18वीं सदी(18th century) में मैसूर(Mysore) के शासक रहे टीपू सुल्तान (Tipu Sultan) के सिंहासन पर लगे स्वर्ण जड़ित बाघ (gold studded tiger on throne) के सिर को विदेश में बेचने पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है। शुक्रवार को लगी इस निर्यात रोक के पीछे सरकार का मकसद ऐतिहासिक मुकुट आभूषण(historical crown ornament) के लिए ब्रिटिश खरीदार (British buyer) ढूंढना है ताकि इसे देश में ही बरकरार रखा जा सके।
बाघ के मुकुट में जड़े आभूषण(Jewelry studded in tiger’s crown costs) की कीमत तकरीबन 15 लाख पाउंड (1.5 million pounds) है और ब्रिटिश सरकार (British Government) द्वारा इसे प्रतिबंधित निर्यात की सूची में रखने से ब्रिटेन की किसी गैलरी या संस्थान को यह ऐतिहासिक वस्तु खरीदने के लिए वक्त मिल जाएगा।
जानकारों की मानें तो टीपू सुल्तान के सिंहासन में आठ सोने के बाघ थे, ये सोने का बाघ का सिर उनमें से एक है। टीपू सुल्तान को मैसूर के शेर के नाम से भी जाना जाता है। सिंहासन की तीन जीवित समकालीन छवियां सभी ब्रिटेन में हैं।
ब्रिटेन के कला मंत्री लॉर्ड स्टीफन पार्किंन्सन ने कहा कि यह चमकदार मुकुट टीपू सुल्तान के शासन की कहानी दिखाता है और हमें अपने शाही इतिहास में ले जाता है। मुझे उम्मीद है कि ब्रिटेन का कोई खरीदार आगे आएगा ताकि हम भारत के साथ अपने साझा इतिहास में इस महत्वपूर्ण अवधि के बारे में और अधिक जान सकें।
टीपू की हार का ब्रिटेन के शाही अतीत के लिए बहुत ऐतिहासिक महत्व था, जिससे टीपू की कहानी और वस्तुओं के साथ एक समकालीन आकर्षण पैदा हुआ। उनकी हार के बाद, टीपू के खजाने से कई वस्तुएं ब्रिटेन पहुंचीं, जहां उन्होंने कविता (जॉन कीट्स), कथा (चार्ल्स डिकेंस; विल्की कॉलिन्स), कलाकारों (जेएमडब्ल्यू टर्नर) को प्रभावित किया और बहुत सार्वजनिक हित को आकर्षित किया। Share: