जबलपुर न्यूज़ (Jabalpur News)

जालसाजी पूर्वक प्रापर्टी खरीदने के नाम पर अनुबंध कर पॉवर ऑफ अटॉर्नी करा ली अपने नाम

  • पिता-पुत्र ने मिलकर नहीं चुकाए विक्रय राशि के तीन करोड़ तीस लाख पचहत्तर हजार, पीडि़त की जमीन का कर रहे हैं सौदा

जबलपुर। जालसाजी पूर्वक तरीके से प्रॉपर्टी खरीद कर अनुबंध को अपने नाम करवा कर पावर ऑफ अटॉर्नी भी अपने नाम कराने का मामला सामने आया है, जिसमें की पिता पुत्र ने मिलकर अपने एक रिश्तेदार के साथ ठगी कर ली। और जब बात सामने आई तो पनागर के एएसआई के साथ मिलकर झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी देने लगे। तथा राजीनामा करने का दबाव बनाने लगे। और विक्रय राशि का तीन करोड़ तीस लाख पचहत्तर हजार का एमांउट न देकर पीडि़त की जमीन पर और लोगों से पैसे ले लिए।
मामले का खुलासा तब हुआ जब पीडि़त ने एसपी ऑफिस पहुंचकर अपनी कहानी पुलिस अधीक्षक के सामने रखी।आवेदक रविन्द्र पांडे ने बताया कि विगत तीन वर्ष पूर्व मेरी पत्नि का बीमारी के चलते निधन हो चुका है और मेरा भी स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता है और मुझे भी अपने इलाज के लिए शहर से बाहर आना जाना पड़ता है। मेरे नाम पर ग्राम कंदराखेड़ा, प. 58 शनि में पनागर, तह पनागर जिला जबलपुर स्थित भूमि जिसका न 1981 कुल रकवा 0.349 है। व खसरा नं 193/3 रकवा 0.1430 हेक्टेयर एवं खसरा 192/11 का भाग रकवा 0.440 है में से रकवा 0.230 है। इस तरह कुल कवा 0.719 है एवं इसी तरह एक ओर भूमि जिसका खसरा नं 200 का कया 2150 वर्गफुट से मुझे संपत्ति के बंटवारे से हुई थी चूंकि मेरा स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता है। इसलिए मैंने अपने परिचित दिलीप तिवारी से कहा था कि मेरी उक्त जमीन बिकवा दो। जिस पर उन्होंने मुझसे कहा कि वे अपने रिश्तेदार प्रतीक शुक्ला एवं उसके पिता दिनेश शुक्ला से कहकर आपकी जमीन बिकवा दुर्ग और फिर घर पर आकर बात करने और जमीन दिखवाने के बाद पूरी जमीन 475 रुपये वर्गफुट के हिसाब से कुल कीमत तीन करोड़ नवासी लाख पचास हजार रूपये में बेचने की बात तय हुई और प्रतीक शुक्ला के द्वारा बयाने के रूप में 10,00,000 रूपये आरटीजीएस के माध्यम से मुझे दिये गये थे और फिर मेरा स्वास्थ्य खराब हो जाने पर जब मैं अपनी एन्जीयो प्लास्टी करवाकर वापस लौटा तब दिनॉक 22/10/2021 को प्रतीक शुक्ला एवं दिलीप तिवारी मेरे घर पर आये और अपनी कार में बैठाकर मुझे बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा विजयनगर जबलपुर ले गये और वहां जबलपुर प्रतीक शुक्ला ने मुझे दो चैक जिसमें से पन्द्रह लाख रूपये एवं दस लाख रूपये का था मेरे नाम से सेल्फ का चैक दिये और मुझसे हस्ताक्षर करवाकर स्वयं बैंक से राशि निकाल ली और कार में ही लाकर मुझे दे दिये और तुरंत ही दिलीप तिवारी ने मुझसे पाँच लाख रुपये ले लिये और कहा कि मुझे रुपयों की जरूरत है और तुम्हे पैसे मैंने ही दिलाये है और फिर उसके बाद प्रतीक शुक्ला दिनेश शुक्ला एवं दिलीप तिवारी दूसरे ही दिन मेरे घर पर आये और कहा कि जितने में अपना सौदा तय हुआ है उसमें से 35,00,000 अंकन पैतीस लाख रुपये काटकर शेष राशि का चैक ले लो और हमसे एग्रीमेंट कर लो और उन्होंने एक टाइप शुदा एग्रीमेंट की कॉपी दिखायी। जिसके अनुसार पूर्व में दी गई राशि काटकर शेष राशि के एवज में एक-एक करोड़ के तीन चैक जिनका बैंक क्र566645, 566646 566647 15,00,000 अंकन पन्द्रह लाख रुपये का एक चेक जिसका क्र 566644 एवं एक चैक जिसका क्र 566648 राशि 15 75,000 अंकन पन्द्रह लाख पचछत्तर हजार रूपये था और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया था कि हर 06 माह में मुझे एक करोड़ रूपये का भुगतान प्राप्त हो जायेगा तब मैंने उक्त एग्रीमेंट देखते हुए अपनी सहमति दे दी थीं और ये सारे चैक मुझे दे दिये थे और मैंने उस एग्रीमेंट पर अपने हस्ताक्षर कर दिये थे।

आवेदक की रजिस्ट्रियों पर लोगों से रूपये भी ले लिए
पीडि़त ने बताया कि 25/10/2021 को तीनों लोग मेरे घर पर आये और मुझसे कहा कि एसीमेंट का स्लॉट बुक हो गया है इसलिए रजिस्ट्री कार्यालय अंधुआ चलना है और जो एग्रीमेंट आपको पहले दिखाया था उसी का पंजीयन होना है। तब में तीनों के साथ पंजीयक कार्यालय गया और मैंने इकरारनामा से संबंधित सभी दस्तावेजों पर अपना अंगूठा व अपने हस्ताक्षर कर दिये और फिर पुन: 14/02/2022 को प्रतीक शुक्ला और दिलीप तिवारी मेरे घर पर आये और ख. नं. 200 के संबंध में इकरारनामा न होने की बात बतायी और कहा कि फिर से उप पंजीयक कार्यालय चलो तब में पुन: उनके साथ पंजीयक कार्यालय गया और वहां पर मैंने दस्तावेजों पर अपने हस्ताक्षर व अंगूठा लगा दिये और फिर इन लोगों ने मुझे मेरे घर छोड़ दिया उस समय मेरा स्वास्थ्य खराब चल रहा था और मुझे इलाज के लिए फिर से इंदौर जाना था।
कुछ समय के बाद मुझे पता चला कि प्रतीक शुक्ला के द्वारा मेरी जमीन की रजिस्ट्रियों पर लोगों से रूपये लेकर उनके नाम पर करना शुरू कर दी है जबकि मेरे नाम पर जो चैक कुल राशि 3,30,75,000 अंकन तीन करोड़ तीस लाख पचछत्तर हजार रूपये का दिया था, उनका भुगतान बैंक से मुझे प्राप्त ही नहीं हुआ था। दिनांक 13/07/2022 को प्रतीक शुक्ला ने मुझे उसके द्वारा दिये गये मूल चैक लेकर सिविल कोर्ट बुलवाया और जब में सिविल कोर्ट गया तब मेरी गाड़ी की डिक्की में मूल चेक रखे हुए थे और मेरी गाड़ी को साइड में पार्क करने के नाम पर इन लोगों ने मेरी गाड़ी की चाबी ली और मेरी गाड़ी को किनारे पार्क करके मुझे मेरी गाड़ी की चाबी वापस कर दी और प्रतीक शुक्ला, दिनेश शुक्ला व रमन अग्निहोत्री से बातचीत कर जब मैंने वापस अपनी टू व्हीलर गाड़ी की डिक्की खोली तो उसमें मूल चैक नहीं थे और तब इन लोगों ने समझौता करने से मना कर दिया और मुझे लगा कि शायद मेरी गाड़ी की डिक्की से बैंक चेक कहीं गुम हो गये है तब मैंने पुलिस स्टेशन ओमती में भी बैंक चेक गुमने की शिकायत दिनांक 13/7/2022 को की थी।


विक्रय राशि का नहीं हुआ भुगतान
आवेदक का कहना है कि मेरी जमीन खरीदने के नाम पर प्रतीक शुक्ला के द्वारा मुझे जो पांच चैक जिसका क्र 566644 राशि पन्द्रह लाख रूपये, चक क्र. 566645 अंकन एक करोड़ रुपये, चैक क्र. 566646 राशि अंकन एक करोड़ रूपये, चैक क्र 566647 राशि अंकन एक करोड़ रूपये एवं चैक क्र. 566648 राशि अंकन पन्द्रह लाख पचहत्तर हजार रूपये दिये गये थे। उनका भुगतान मुझे प्राप्त ही नहीं हुआ और प्रतीक शुक्ला व उसके साथियों के द्वारा षडयंत्रपूर्वक मुझसे मेरी जमीन की पॉवर ऑफ अटार्नी अपने नाम पर करवा ली गई और विभिन्न लोगों से रूपये लेकर मेरी जमीन का विक्रय किया जा रहा है। जबकि मेरी जमीन को बेचने की विक्रय राशि मुझे आज तक प्राप्त ही नहीं हुई है और जो चेक विक्रय राशि के भुगतान के लिए प्रतीक शुक्ला के द्वारा मुझे दिये गये थे उन सभी चैकों को प्रतीक शुक्ला के द्वारा अपने बैंक खाते बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा विजयनगर जबलपुर में जमा कर अपना उक्त खाता बंद करवा दिया गया है। जिससे स्वत: प्रमाणित होता है कि मेरी टू व्हीलर की डिक्की से मेरे चेक इन्हीं लोगों के द्वारा चोरी किये गये थे।

शिकायत वापस लेने उपनिरीक्षक बना रहा दबाव
प्रतीक शुक्ला, दिनेश शुक्ला, दिलीप तिवारी और रमन अग्निहोत्री की शिकायत मेरे द्वारा पुलिस अधीक्षक महोदय को की गई थी जिसकी जॉच पुलिस स्टेशन पनागर के द्वारा की जा रही थी। जहाँ पर मैंने अपने कथन भी अंकित करा दिये थे। किन्तु प्रतीक शुक्ला व उसके सह आरोपियों के द्वारा मुझ पर मेरी शिकायत वापस लेने का दवाब बनाने के लिए विरुद झूठे आरोप लगाते हुए शिकायत पुलिस स्टेशन पनागर के उप निरीक्षक को दी गई। जिस पर उप निरीक्षक अनंत दुबे मुझ पर दबाव बना रहे है कि मैं प्रतीक शुक्ला से राजीनामा कर लूं और अपनी शिकायत वापिस ले लूं नहीं तो वे मेरे ही विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कर मुझे जेल भेज देंगे। कई बार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत दे चुका हूँ लेकिन कोई भी मेरी जांच निष्पक्ष रूप से नहीं कर रहा है। जबकि मेरे दस्तावेजों से यह स्पष्ट प्रमाणित है कि मेरी जमीन को खरीदने के लिये मुझे प्रतीक शुक्ला ने तीन करोड़ तीस लाख पचहत्तर हजार रुपये की राशि के भुगतान के लिए जो चैक दिये थे उनका भुगतान मुझे प्राप्त ही नहीं हुआ और वे सभी पाचों चैक प्रतीक शुक्ला के द्वारा अपने बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा विजय नगर जबलपुर में स्थित खाते में जमा कर अपना बैंक खाता ही बंद करा दिया गया जिससे यह प्रमाणित होता है कि दिनांक 13/07/2022 को मेरी टू व्हीलर की डिक्की से मेरे जा पाच चेक चोरी हो गये थे ये इन्हीं लोगों ने चोरी किये थे।

पहले भी दर्ज है 420 के केस
प्रतीक शुक्ला ने इसी तरह से अन्य व्यक्तियों के साथ भी धोखाधड़ी करते हुए उनकी जमीनें हड़पी है जिस पर से पूर्व में पुलिस स्टेशन पनागर में 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि का प्रकरण इसके विरुद्ध पंजीबद्ध हुआ है। और लोगों के साथ ठगी कर चुका है।

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