- भाजपा में आर्थिक व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की कवायद
भोपाल। भाजपा में संगठन स्तर पर बड़ा बदलाव किया जा रहा है। प्रदेश कार्यकारिणी में पहली बार कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी जबलपुर के सीए (चार्टर्ड एकाउंटेंट) अखिलेश जैन को सौंपी गई है। इसी तरह प्रदेश सह कोषाध्यक्ष उज्जैन के अनिल जैन कालूहेड़ा को बनाया गया है। जो आर्थिैक मामलों की समझ रखते हैं। पहली बार पार्टी की मुख्यधारा के इतर कोषाध्यक्ष की नियुक्ति पर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि भाजपा बड़ा राजनीतिक संगठन है। पार्टी की आर्थिक व्यवस्था पारदर्शी तरीके से संचालित हों, इसके लिए कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी जानकारों को दी गई हैं। उन्होंने कहा कि जिलों की कार्यकारिणी में भी हिसाब-किताब के जानकारों को कोषाध्यक्ष व सह कोषाध्यक्ष बनाया जाएगा। संगठन में 30 बाद पहली बार पूरी कार्यकारिणी (सिर्फ दो पदाधिाकारी जीतू जिराती और पंकज जोशी को फिर से जगह मिली) को बदलने के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा पद्वति से चलने वाला संगठन है। जिन्हें संगठन की जिम्मेदारियों से मुक्त किया है, उनसे बात हुई है। पार्टी में प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए काम है और हर कार्यकर्ता के लिए काम रहता है। सिंधिया समर्थकों को संगठन में जगह नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि वे (सिंधिया) पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उनके साथ आए सभी नेता अब भाजपा के अभिन्न अंग हैं। समय के अनुसार जो आवश्यकता है, उसके अनुरूप पदाधिकारी बनाए गए हैं। लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के बयान पर वीडी शर्मा ने कहा कि उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं। यह उनकी मानसिकता प्रदर्शित करता है। बाल संरक्षण आयोग ने भी वर्मा के बयान पर संज्ञान लिया है। उन्होंने ऐसे शब्दों का प्रयोग किया, जिन्हें हम बोल तक नहीं सकते हैं।
जिला टीम में अब 55 साल से कम की उम्र के नेताओं को ही मिलेगा मौका
भाजपा के प्रदेश संगठन ने जिलों में भेजे गए पर्यवेक्षकों को एक नया आदेश दे दिया, जिसमें भाजपा की टीम में 55 साल से ऊपर के नेताओं को नहीं लिया जाएगा। संगठन ने स्पष्ट किया कि अगर किसी पद के लिए कोई पदाधिकारी नहीं मिलता है तो वहां अपवाद स्वरूप उम्र 60 साल तक की जा सकती है। भाजपा ने प्रदेश के सभी जिलों में पर्यवेक्षक भेजकर जिला स्तर की टीम गठित करने के लिए रायशुमारी शुरू करवा दी है। पहली बार संगठन जिला कार्यकारिणी में बनाए जाने वाले पदाधिकारियों और कार्यसमिति सदस्यों के लिए रायशुमारी कर रहा है। रायशुमारी के बीच ही भाजपा के प्रदेश संगठन ने सभी पर्यवेक्षकों को एक नया आदेश दिया कि 55 साल तक की उम्र के नेताओं का नाम ही पदाधिकारी के रूप में लिया जाए। इसके साथ ही पर्यवेक्षकों को अब दावेदारों की उम्र सत्यापित करने के लिए प्रमाण भी लेना पड़ सकते हैं। हालांकि संगठन ने स्पष्ट किया कि कहीं अपवाद स्वरूप किसी पदाधिकारी की उम्र 60 वर्ष भी हो सकती है। इसके साथ ही जिन लोगों से पदाधिकारियों के बारे में राय ली जाना चाहिए उनमें मोर्चा के प्रदेश और राष्ट्रीय पदाधिकारियों को भी शामिल किया गया है।