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युवाओं में 28 प्रतिशत तेजी से फैल रही है कैंसर की बीमारी, ऐसे बच सकते हैं भारतीय

नई दिल्‍ली (New Dehli) । भारत (India) समेत दुनिया भर में कैंसर (cancer) की बीमारी युवाओं (youth) को तेजी से अपना शिकार (Hunt) बना रही है. ब्रिटेन में हुई एक स्टडी Study में दावा (Claim) किया गया है कि 50 साल से कम उम्र के लोगों में कैंसर बहुत तेजी से बढ़ रहा है और पिछले 30 सालों में कैंसर के केसों में 79 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.ब्रिटेन में हुए एक शोध में बताया गया कि पिछले तीन दशकों में भारत समेत दुनिया भर में युवाओं में कैंसर की बीमारी 28 प्रतिशत की तेजी से बढ़ी है. इसके पीछे वैज्ञानिकों ने जेनेटिक्स समेत कई कारण बताए हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि युवाओं को कैंसर की बीमारी से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है.


यह स्टडी भारत समेत 204 देशों पर 29 प्रकार के कैंसर को कवर करने वाली ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज की 2019 की रिपोर्ट के आंकड़ों पर आधारित है. इस स्टडी में सभी देशों के आंकड़ों, केसों की संख्या और कारकों पर एनालिसिस किया गया था.

स्टडी में पाया गया कि साल 1990 में 50 साल से कम उम्र के लोग 18.2 लाख लोग कैंसर से पीड़ित थे जो आंकड़ा 2019 में बढ़कर 33.6 लाख हो गया. यानी 2019 में 32 लाख 60 हजार कैंसर के मरीज ऐसे थे जिनकी उम्र 50 साल से कम थी. इसमें 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

 

BMJ की स्टडी में पाया गया है कि 2019 में 50 से कम उम्र के लोगों में स्तन कैंसर के शुरुआती मामले सबसे ज्यादा थे. लेकिन 1990 के बाद नाक का कैंसर यानी नैसोफैरिनिक्स और प्रोस्टेट कैंसर तेजी से बढ़ा है.1990 और 2019 के बीच विंड पाइप (श्वास नलिका-trachea) और प्रोस्टेट कैंसर में सालाना 2.28 प्रतिशत और 2.23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

हालांकि इस दौरान लिवर कैंसर के आंकड़ों में 2.88 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है जिसका कारण वैक्सिनेशन है.
कई विशेषज्ञ मानते हैं कि 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों में डायग्नोसिस (टेस्टिंग) का चलन बढ़ा है और इसीलिए कैंसर के मामले भी सामने आ रहे हैं.
शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि 50 साल से कम उम्र के लोगों में कैंसर के मामलों की संख्या 2030 तक 31 प्रतिशत बढ़ सकती है.

मौत के आंकड़े
पिछले तीन दशक की रिपोर्ट के आधार पर शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि दुनियाभर में नए शुरुआती कैंसर के मामलों और संबंधित मौतों की संख्या में 31% और 21% का इजाफा हो सकता है. आने वाले 7 सालों यानी 2030 तक 40 साल से ज्यादा उम्र वालों को कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा होगा.

क्यों फैलता है कैंसर
कैंसर बढ़ने का कारण आनुवांशिक माना जाता है. खासकर 14 साल से 49 वर्ष के मरीजों के पीछे जेनेटिक फैक्टर्स काफी हद तक जिम्मेदार होते हैं. इसके अलावा मोटापा, डायबिटीज और लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों की वजह से भी यह फैलता है.

लेकिन इस नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया है कि रेड मीट, ज्यादा नमक, चीनी, प्रोसेस्ड फूड का सेवन, फल-सब्जियां, दूध की कमी, शराब और तंबाकू का सेवन युवाओं में कैंसर का मुख्य कारण है. पिछले साल 2022 में भारत में करीब 14.6 लाख कैंसर के मामले सामने आए थे जो साल 2025 तक बढ़कर 15.7 लाख तक हो सकते हैं.

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली के सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्टर डॉ. प्रवीण गर्ग के अनुसार, ”कैंसर का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर अनहेल्दी लाइफस्टाइल है. अनहेल्दी लाइफस्टाइल में धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, प्रॉसेस्ड फूड और फिजिकल एक्टिविटी की कमी शामिल हैं. ये आदतें मोटापा बढ़ाती हैं जो ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल और पैनक्रियास समेत कई प्रकार के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है.”

वो आगे कहते हैं, ”कैंसर से बचने के लिए फल, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार खाना चाहिए. ये सभी आवश्यक पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करते हैं जो शरीर को कैंसर से बचाने में मदद करता है. इन खाद्य पदार्थों में विटामिन, खनिज और फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो फ्री रैडिकल्स से लड़ते हैं और सूजन को कम करते हैं. फ्री रैडिकल्स और सूजन कैंसर के विकास से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा एक हेल्दी लाइफस्टाइल कैंसर से बचने के लिए जरूरी महत्वपूर्ण है. मोटापा ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल समेत कई प्रकार के कैंसर के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है.”

प्रूदषण और पर्यावरण
उन्होंने कहा कि प्रदूषण और पर्यावरण में मौजूद विषाक्त गैसों के लगातार संपर्क में रहने से भी कैंसर का खतरा बढ़ता है. वायु और जल प्रदूषण लोगों को हानिकारक पदार्थों के संपर्क में लाते हैं. ऐसे लोगों को समय-समय पर अपनी स्क्रीनिंग करानी चाहिए.

जेनेटिक्स
डॉ. प्रवीण गर्ग के अनुसार, कैंसर के कुछ प्रतिशत मामले आनुवंशिकी के कारण होते हैं. ये कुछ कैंसर के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं. इसके लिए लोगों को अपनी फैमिली हिस्ट्री की जानकारी रखनी चाहिए और कैंसर से बचने के लिए डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए.

हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कैंसर की घटनाएं चिंताजनक दर से बढ़ रही हैं, हर साल तीन से चार प्रतिशत कैंसर के केसों में तेजी आ रही है. वर्तमान में भारत में हर साल लगभग 15 लाख नए कैंसर के मामले सामने आते हैं जो देश में लोगों के मरने के सबसे बड़े कारणों में से एक है.

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