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पंजाब में पराली जलाने के मामलों ने तोड़े रिकॉर्ड, CM भगवंत मान के गृह जिले में सबसे अधिक मामले

चंडीगढ़ । सरकार के तमाम दावों के बावजूद पंजाब (Punjab) में पराली जलाने (stubble burning) के मामले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। सोमवार को सूबे में 2131 जगहों पर पराली जलाई गईं, जो इस सीजन का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इनमें से 330 घटनाएं सिर्फ संगरूर की हैं। यह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) का गृह जिला (home district) है।

पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार 15 सितंबर से 31 अक्तूबर के बीच 16004 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं दर्ज हुई हैं। इसी अवधि के दौरान साल 2020 और साल 2021 में राज्य में क्रमश: 29,615 और 13,124 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई थीं।

सोमवार को पराली जलाने की कुल 2,131 घटनाओं में से संगरूर में सबसे अधिक 330 मामले, फिरोजपुर में 250, पटियाला में 202, बठिंडा में 178, तरनतारन में 174, बरनाला में 126, मानसा में 123 और जालंधर में 112 मामले दर्ज किए गए। पंजाब सालाना लगभग 180 लाख टन धान की पराली पैदा करता है। राज्य में 2021 में 71,304, 2020 में 76,590, 2019 में 55,210, 2018 में 50,590, 2017 में 45,384 और 2017 में 81,042 जगहों पर पराली जलाई गई थीं।


अब नंबरदार भी करेंगे निगरानी
पंजाब सरकार ने गांवों के नंबरदारों को भी पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंप दी है। इसके साथ ही नंबरदार किसानों को पराली नहीं जलाने के बारे में जागरूक भी करेंगे। सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ ने इस मामले पर समीक्षा बैठक बुलाकर अधिकारियों को पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए हिदायतें जारी कीं।

उन्होंने कहा कि नंबरदार किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करें और जिन गांवों में आग लगाने के मामले सामने आते हैं, वहां नंबरदारों की जवाबदेही तय की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि पराली जलाने को लेकर हॉट-स्पॉट्स पर ज्यादा फोकस किया जाए और जिन गांवों में बीते सालों के दौरान पराली को आग लगाने के मामले सामने आते रहे हैं, वहां प्रशासन ज्यादा चौकसी बरते। अधिकारी पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर द्वारा ऑप्टिकल सैटेलाइट डेटा विश्लेषण के जरिये हासिल क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करें।

इंचार्ज सचिवों की रिपोर्ट, कम हुए पराली जलाने के केस
जिलों का दौरा करके लौटे इंचार्ज सचिवों ने मुख्य सचिव को जानकारी दी कि राज्य में आग लगाने की घटनाओं में गिरावट पाई जा रही है। उन्होंने बताया कि 27 अक्तूबर 2021 तक पराली जलाने वाला क्षेत्रफल 400.35 हजार हेक्टेयर था, जो 26 अक्तूबर 2022 तक घटकर 295.60 हजार हेक्टेयर रह गया है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पराली न जलाने के बारे में जागरूकता फैलाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि ठेके पर दी गई सरकारी जमीनों पर पराली जलाने की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

फायर ब्रिगेड बुझाएंगे पराली में लगी आग
मुख्य सचिव ने सभी डिप्टी कमिश्नरों को अपने-अपने जिलों में पराली में लगी आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड के इस्तेमाल का आदेश दिया। गुरदासपुर जिला प्रशासन की ऐसी पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी पराली को आग लगाने की घटना सामने आती है, तुरंत फायर ब्रिगेड भेजकर आग को बुझाया जाए और आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाए।

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