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मध्यप्रदेश की नैसर्गिक विरासत है जनजातीय संस्कृति

– लक्ष्मीनारायण पयोधि जनजातीय आबादी के मान से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत अत्यंत समृद्ध है। सच कहें तो यह संस्कृति इस प्रदेश की नैसर्गिक विरासत है,जिसमें निश्छल जीवन का आह्लाद और संघर्ष प्रतिबिंबित हैं।जनजातीय जीवन-शैली में आलोकित आनंद समूचे प्रदेश की ऊर्जा और उसका दैनंदिन संघर्ष सभी […]

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वैश्विक स्तर पर नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता

– प्रमोद भार्गव एक के बाद एक एशियाई व पश्चिमी देशों की यात्राओं में मिली अप्रत्याशित सफलताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वैश्विक नेता के रूप में उभारकर प्रतिष्ठित कर दिया है। इस परिप्रेक्ष्य में अप्रूवल रेटिंग एजेंसी के सर्वे में मोदी की हैसियत बढ़ी है। जबकि अन्य राष्ट्र प्रमुखों की प्रसिद्धि में गिरावट आई […]

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गौरवशाली और बहुवर्णीय है मध्यप्रदेश का इन्द्रधनुषी जनजातीय परिदृश्य

– सुरेश गुप्ता   मध्यप्रदेश में देश की सर्वाधिक जनजातीय जनसंख्या निवास करती है। मध्यप्रदेश का इन्द्रधनुषी जनजातीय संसार अपनी विशेषताओं के कारण मानव शास्त्रियों, सांस्कृतिक अध्येताओं और शोधार्थियों को विशेष रूप से आकर्षित करता रहा है। प्रदेश की जनजातियाँ हमेशा अपनी बहुवर्णी संस्कृति, कलाओं रीति-रिवाज और परम्पराओं के साथ प्रदेश के गौरव का अविभाज्य […]

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जनजातीय उद्यमिता का केन्द्र बन रहा है मध्यप्रदेश

– अवनीश सोमकुवर मध्यप्रदेश का जनजातीय समाज अपनी बहुरंगी संस्कृति और सीधे-सरल व्यवहार के लिए जाना जाता है। आर्थिक अवसरों से दूर रहने के कारण गरीबी का सामना करने वाले जनजातीय बंधुओं ने अब आर्थिक उद्यमिता की राह पकड़ ली है। राज्य सरकार के श्रंखलाबद्ध प्रयासों के कारण जनजातीय समाज ने आर्थिक उदयमिता और नई […]

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जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है मध्यप्रदेश सरकार

– पंकज मित्तल मध्यप्रदेश में विविध, समृद्ध एवं गौरवशाली जनजातीय विरासत है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में न केवल इस विरासत का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है, अपितु जनजातीय क्षेत्रों के समग्र विकास तथा जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में भारत की […]

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भारत सरकार की योजनाओं पर अमल में मध्यप्रदेश अग्रणी

– सुरेश गुप्ता मध्यप्रदेश देर से ही सही अपने गठन के समय बूझी गई संभावनाओं को साकार करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। खासतौर से पिछले डेढ़ दशक का अरसा इस बात का गवाह रहा है, कि मध्यप्रदेश विकास के पथ पर अब आगे ही आगे है। सुविचारित सोच, सुचिंतित नीतियों, […]

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आंवला नवमी: धार्मिक व आयुर्वेदिक महत्व

– मृत्युंजय दीक्षित पंच दिवसीय दीपावली पर्व के बाद कार्तिक शुक्ल नवमी को आंवला नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और आंवले के वृक्ष का पूजन किया जाता है। इसे कूष्मांड नवमी, अक्षय नवमी, धात्री नवमी के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन व्रत के साथ आंवले […]

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प्लास्टिक कचरे के भयावह खतरे

– योगेश कुमार गोयल पर्यावरण के लिए प्लास्टिक पूरी दुनिया में बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। इसीलिए इसका उपयोग सीमित करने और कई प्रकार के प्लास्टिक पर प्रतिबंध की मांग उठती रही है। भारत में भी ऐसी ही मांग निरंतर होती रही है। समय-समय पर इसके लिए अदालतों द्वारा सख्त निर्देश भी जारी किए […]

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चीनी नेतातंत्र या भारतीय लोकतंत्र ?

– डॉ. वेदप्रताप वैदिक चीन में माओ त्से तुंग के बाद चार बड़े नेता हुए। तंग स्याओ फिंग, च्यांग जोमिन, हू जिन्ताओ और शी चिन फिंग ! माओ के बाद तंग को इसीलिए सबसे बड़ा नेता माना गया, क्योंकि उन्होंने चीन को नई दिशा दी थी। माओ की सांस्कृतिक क्रांति तथा अन्य साम्यवादी कदमों के […]

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मध्यप्रदेश में सबसे पहले जनजातियों ने फूंका था आजादी के संघर्ष का बिगुल

– रंजना चितले भारत की संस्कृति, स्वाभिमान और स्वायत्तता के लिए जितना बलिदान और संघर्ष जनजातियों का है, वैसा उदाहरण संसार में कहीं नहीं मिलता। भारत में प्रत्येक विदेशी आक्रमणकारी के विरुद्ध जनजातियों ने सबसे पहले शस्त्र उठाये हैं। यदि देशी सत्तायें पराभूत हुईं हैं तो उन्हें संरक्षण देने का कार्य भी जनजातियों ने ही […]