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कोरोनाः यूरोप से भारत बेहतर

– डॉ. वेदप्रताप वैदिक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक का दावा है कि कोरोना के तीसरे हमले से डरने की जरूरत नहीं है। भारतीय कोवैक्सीन का असर लोगों को काफी सुरक्षा दे रहा है। यह तो उनकी तकनीकी राय है लेकिन भारत की आम जनता का बर्ताव भी यही बता रहा है कि […]

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संविधान दिवस: आधुनिक व धर्मनिरपेक्ष संविधान और सनातन भारत

– डॉ. अजय खेमरिया 26 नवंबर 1949 को हम भारतीयों का संविधान बनकर तैयार हुआ था। आज 72 वर्ष बाद हमारा संविधान क्या अपनी उस मौलिक प्रतिबद्धता की ओर उन्मुख हो रहा है जिसे इसके रचनाकारों ने भारतीयता के प्रधान तत्व को आगे रखकर बनाया था। आज इस सवाल को सेक्युलरिज्म और आधुनिकता के आलोक […]

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कुपोषित विकास एवं कुपोषण की त्रासदी

– ललित गर्ग कुपोषण और भुखमरी से जुड़ी ताजा रिपोर्ट न केवल चौंकाने बल्कि सरकारों की नाकामी को उजागर करने वाली हैं। इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी कि एक ओर विकास और अर्थव्यवस्था की भावी सुखद तस्वीर की चमक की बात की जा रही हो और दूसरी ओर देश में बच्चों के बीच कुपोषण […]

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स्वदेशी से स्वाधीनता और सामर्थ्य का आवाहन

– गिरीश्वर मिश्र ‘देश’ एक विलक्षण शब्द है। एक ओर तो वह स्थान को बताता है तो दूसरी ओर दिशा का भी बोध कराता है और गंतव्य लक्ष्य की ओर भी संकेत करता है। देश धरती भी है जिसे वैदिक काल में मातृभूमि कहा गया और पृथ्वी सूक्त में ‘माता भूमि: पुत्रोहं पृथिव्या:’ की घोषणा […]

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चिंताजनक है महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा

– योगेश कुमार गोयल विश्वभर में प्रतिवर्ष 25 नवम्बर को महिलाओं पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने के ज्यादा से ज्यादा प्रयास करने की आवश्यकता को रेखांकित करने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पैट्रिया मर्सिडीज मिराबैल, मारिया […]

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मेवाड़ में चांदी के प्राचीन खनन पर गहन शोधकार्य लिख सकते हैं मानव विकास की नई कहानी

– डॉ. ललित पाण्डेय राजस्थान ही नहीं अरावली पर्वत श्रृंखला का भारतीय इतिहास के निर्माण में भी महती योगदान रहा है। अनेक विद्वानों ने तो अरावली पर्वत श्रृंखला को मेवाड़ के राजस्थान की संज्ञा तक प्रदान की है और यह मंतव्य तक दे दिया है कि उत्तर भारत के मैदान की संस्कृति के निर्माण में […]

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संघ में घोष की विकास यात्रा

– डॉ. रामकिशोर उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिसे आरएसएस या संघ परिवार के नाम से भी जाना जाता है, उसकी स्थापना सन 1925 में हुई। संघ के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि अधिकांश लोग संघ के स्वयंसेवकों के सेवाकार्यों और शाखा पर होने वाले दंड प्रदर्शन से ही परिचित हैं किंतु […]

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अब फंसा एमएसपी का पेंच

– प्रमोद भार्गव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों विवादास्पद कृषि-कानूनों को वापस लेने की घोषणा भले ही सार्वजनिक रूप से क्षमा प्रार्थना समेत कर दी है, लेकिन किसान आंदोलन फिलहाल खत्म होता नहीं दिख रहा। किसान संगठनों का कहना है कि जब तक संसद में औपचारिक रूप से इन कानूनों को रद्द करने की प्रक्रिया […]

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नीति व नेतृत्व पर विश्वास

– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहली बार लखनऊ में दो दिनों का प्रवास किया। उनकी यात्रा आंतरिक सुरक्षा संबंधी कॉन्फ्रेंस से संबंधित थी। इसमें उन्होंने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किये। इनका राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्व रहा। क्योंकि इसमें ऐसे अनेक मसले समाहित रहे जिनका संबंध अन्य […]

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पुलिस आयुक्त प्रणाली: प्रबल इच्छाशक्ति से होगा अमल

– डॉ. अजय खेमरिया मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस बात के लिए सराहना की जाना चाहिए कि उन्होंने भारतीय शासन तंत्र के सबसे ताकतवर दबाव को दरकिनार कर इंदौर और भोपाल जैसे महानगरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली अप्रैल 2022 से लागू करने का निर्णय ले लिया है। प्रदेश के इन दो महत्वपूर्ण […]