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सावधान: ब्रेड और चावल शरीर को कैसे पहुंचाते हैं नुकसान, जानिए

नई दिल्ली।चावल और ब्रेड rice and bread) दुनिया भर के लोगों के लिए मुख्य भोज्य पदार्थ है। कई लोग इसके बिना भोजन की कल्पना भी नहीं कर पाते। यह ब्रेकफास्ट (breakfast), लंच (lunch) और डिनर (dinner) तीनों में इस्तेमाल किया जाता है. यही कारण है कि चावल को ऊर्जा का पावर हाउस कहा जाता है। यहां तक कि अब तो चावल के साथ लोग ब्रेड का भी इस्‍तेमाल करने लगे है।



चावल और ब्रेड खाने वाले जरा सावधान हो जाइए क्योंकि ये शुगर के मरीजों के लिए ठीक नहीं है. ऐसे में डायबिटीज (Diabetes Patient Diet) के मरीजों को अपना विशेष तौर पर ख्याल रखना चाहिए क्योंकि ये एक ऐसी बीमारी जो एक बार हो जाए तो आपके साथ चलती रहती है. बिगड़ती लाइफस्टाइल, तनाव और खान-पान में बाहर का खाना शामिल करने से ज्यादातर लोग डायबिटीज का शिकार हो जाते हैं, हालांकि, डायबिटीज को कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है, डायबिटीज को कंट्रोल रखने के लिए खान-पान में बदलाव करना बेहद जरूरी है. तो आइए जानते हैं कि फूड्स को खाने से शूगर लेवल बढ़ता और किसके खाने से नियंत्रित रहता है।
ब्लड में शुगर का स्तर अधिक रहता है ऐसे लोग रेगुलर दवाई का सेवन करना चाहिए, लेकिन साथ ही में अपनी डाइट में ऐसी चीज़ों को शामिल करें जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो. क्योंकि कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल करते हैं।
ब्लड में शुगर का स्तर अधिक रहता है ऐसे लोग रेगुलर दवाई का सेवन करना चाहिए, लेकिन साथ ही में अपनी डाइट में ऐसी चीज़ों को शामिल करें जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो. क्योंकि कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल करते हैं.
हालांकि कुछ लोगों को चावल खाने के बाद सुस्ती लगने लगती है लेकिन क्या आपको पता है कि चावल खाने के बाद कुछ लोगों को सुस्ती क्यों आती है? न्यूट्रिशनिस्ट (Nutritionist ) पूजा मखीजा (Pooja Makhija) ने इस बारे में इंस्टाग्राम पर बताया है. साथ ही उन्होंने टिप्स भी दिए हैं कि चावल खाने के बाद सुस्ती आने पर क्या करना चाहिए।

मेलाटोनिन और सेरोटोनिन है जिम्मेदार
पूजा मखीजा ने इसका कारण बताते हुए इंस्टाग्राम पर कहा है कि शरीर में पाचन क्रिया के दौरान कार्बोहाइड्रेट के स्वांगीकरण के कारण ऐसा होता है. दरअसल, जब भोजन शरीर में जाता है तो पाचन के दौरान कार्बोहाइड्रेट को भोजन से निकाला जाता है. कार्बोहाइड्रेट जब बन जाता है तो यह ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है. ग्लूकोज से ही शरीर में ऊर्जा की आवश्यकता पूरी होती है लेकिन ग्लूकोज को बनाने के लिए इंसुलिन की जरूरत होती है.

इंसुलिन की मात्रा बढ़ते ही आवश्यक फैटी एसिड ट्रिप्टोफेन (tryptophan) सक्रिय हो जाता है. इसके सक्रिय होने के कारण मेलाटोनिन (melatonin) और सेरोटोनिन (serotonin) की मात्रा बढ़ जाती है. यही दोनों हार्मोन सुस्ती के लिए जिम्मेदार होते हैं. सीधे शब्दों में कहें तो चूंकि चावल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है जिसके कारण इंसुलिन ज्यादा बनता है जो सुस्ती लाने के लिए जिम्मेदार हार्मोन को सक्रिय कर देता है।

बुनियादी सिद्धांत को समझना जरूरी
पूजा मखीजा कहती हैं कि इस सुस्ती से बचने का सबसे बेहतर तरीका यह कि दोपहर के भोजन में चावल को छोड़ दें लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है कि सुस्ती क्यों आती है इसके बेसिक सिद्धांत को समझ लें. अगर इस सिद्धांत को समझ लेंगे तो लाइफस्टाइल से संबंधित कई चीजों के बारे में आपको बुनियाद पता रहेगी जिससे आप अपने लाइफस्टाइल को सही कर सकते हैं।

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