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केन्द्र ने J&K में सुरक्षा पर 3 साल में खर्च किए 2814 करोड़ रुपये, बेहतर हुई स्थिति

नई दिल्ली। केंद्र सरकार (central government) जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सुरक्षा (Security ) के मद में लगातार काफी पैसा खर्च कर रही है। जम्मू-कश्मीर की पुलिस पर सुरक्षा व्यय पर पिछले तीन साल में 2814 करोड़ रुपये (Rs 2814 crore spent in three years) खर्च किए गए हैं। इसके चलते सुरक्षा की स्थिति बेहतर हुई है। साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी सकारात्मक असर देखने को मिला है।

संसद में सोमवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, 2020-21 में 611 करोड़ की तुलना में वर्ष 2021-22 में 936 करोड़ रुपये खर्च किए गए। हालांकि तुलनात्मक रूप से ज्यादा पैसा उस वक्त खर्च करना पड़ा था जब कश्मीर में अनुच्छेद- 370 को समाप्त करने का फैसला किया गया था। वर्ष 2019 -20 में 1267 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। खर्च की जाने वाली राशि कहां- कहां उपयोग में लाई गई इसका ब्योरा उपलब्ध नहीं है। सूत्रों का कहना है कि अन्य तरीकों से काफी धनराशि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा मद में जाती है।


सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा के लिए विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां और संगठन काम करते हैं। लेकिन इस मकसद के लिए खर्च का विवरण केंद्रीय रूप से नही रखा जाता है।

जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 168 फीसदी की कमी आई: ठाकुर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ‘जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 168 प्रतिशत की कमी आयी है’ और 2015 के बाद से ‘वामपंथी चरमपंथ की घटनाओं में 265 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।’ ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ‘आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त न करने की नीति’ है। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने निर्णायक कार्रवाई की जिनके ठोस परिणाम निकले।’

ठाकुर ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘2016 में सर्जिकल स्ट्राइक उरी हमले के जवाब में की गई थी। 2019 में बालाकोट हवाई हमले पुलवामा में बमबारी के जवाब में किए गए इसलिए इन सभी निर्णायक कार्रवाइयों का ठोस परिणाम निकला है।’ उन्होंने कहा 2014 के बाद आतंकवाद के कारण हिंसा में 80 फीसदी की कमी आयी, असैन्य नागरिकों की मौत में 89 प्रतिशत की कमी आयी और 6,000 आतंकवादियों ने आत्म समर्पण किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर में मोदी सरकार के तहत आतंकी घटनाओं में 168 फीसदी की कमी आयी और आतंकवाद के वित्त पोषण से जुड़े मामलों में दोषसिद्धि दर 94 प्रतिशत से अधिक है।’ उन्होंने कहा कि वामपंथी चरमपंथ की घटनाओं में 2015 से लेकर इस साल जून 2022 तक 265 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। ठाकुर ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति का युग शुरू हो गया है।’

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