लखनऊ । बसपा अध्यक्ष मायावती (BSP President Mayawati) ने कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) जातीय जनगणना का काम (Work of Caste Census) ईमानदारी से पूरा करे (Should Complete Honestly) ।
बसपा मुखिया मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि भाजपा ने केंद्र में अपने 11 वर्षों के कार्यकाल के बारे में जो अपार उपलब्धियां वर्णित की हैं, वे जमीनी हकीकत में लोगों की गरीबी, बेरोजगारी, दुख-दर्द आदि दूर करने अर्थात जन और देशहित में कितनी लाभदायक रही हैं, सही समय आने पर जनता खुद उनका जवाब दे देगी, जिसकी पूरी उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि देश में राष्ट्रीय और जातीय जनगणना का भी कार्य कांग्रेस के समय से लटका पड़ा था, जिस पर काफी आवाज उठाने के बाद अब इस मामले में प्रक्रिया शुरू हुई है। जनकल्याण से सीधे तौर पर जुड़ा जनगणना का यह कार्य देशहित में अब समय से ईमानदारी पूर्वक पूरा होना चाहिए। केंद्र इस पर ध्यान दे।
मायावती ने कहा कि इन मामलों में पार्टी के लोगों को सही तथ्यों से अवगत कराने और उन्हें सजग करने के साथ ही पार्टी के संगठन से सम्बन्धित दिए गए कार्यों की समीक्षा उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों की भी छोटी-छोटी बैठकों के जरिए विचार-विमर्श लगातार जारी है। पार्टी हित में इन पर पूरा ध्यान जरूरी है। यह अभियान मेरे द्वारा बैठकों से शुरू होकर अनवरत जारी है। ताजा बैठक पूर्वांचल में पार्टी संगठन की तैयारी और जनाधार को बढ़ाने के संबंध में हुई और सख्ती भी की गई। साथ ही, बिहार में होने वाले विधानसभा आम चुनाव से सम्बन्धित रणनीति पर भी तैयारी जारी है ताकि बेहतर रिजल्ट आ सके।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने जनगणना के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। अब जातीय जनगणना का रास्ता साफ हो गया है। अब पूरे देश में मार्च 2027 की रेफरेंस तिथि से जातीय जनगणना कराई जाएगी। हालांकि, इससे पांच महीने पहले अक्टूबर 2026 में पहाड़ी राज्यों में जातीय जनगणना का कार्यक्रम पूरा कर लिया जाएगा। यानी इन राज्यों में अक्टूबर 2026 में आबादी से जुड़े जो भी आंकड़े होंगे, वही रिकॉर्ड में दर्ज किए जाएंगे। ऐसे में राजनीतिक दलों के सामने इस मुद्दे को लपकने की कोशिश जारी है। सपा ने भी अपने कार्यकर्ताओं को सजग रहने को कहा है।
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