कवर्धा। देशभर में कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी (Pandemic) से लड़ने के लिए लॉकडाउन(Lockdown) लगाया गया. जिस कारण शादी समारोह जैसे कार्यक्रमों में मेहमानों की संख्या कम की गई और पाबंदियां लगाई गईं. लेकिन छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कुछ लोग इस आपदा में भी अवसर तलाश करने में लगे हैं. यहां बाल विवाह हो रहे थे, जिसकी सूचना पर छापेमारी कर प्रशासन ने तीन स्थानों पर बाल विवाह रुकवाए(Stop child marriage).
14 मई को अक्षय तृतीया थी, इस शुभ अवसर पर देशभर में शादी समारोह जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में भी शादियां हो रही थीं, प्रशासन को शक था कि इस दौरान बाल विवाह भी हो सकते हैं.
बाल विवाह की सूचना पर प्रशासन ने महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर तीन स्थानों पर धावा बोला. महिला एवं बाल विकास विभाग ने पुलिस व पंचायत की टीम के साथ कवर्धा के घुघरी, इंदौरी व रबेली गांव के अलग-अलग इलाकों में छापेमारी की.
प्रशासन ने घुघरी गांव के दो नाबालिक लड़कों व इंदौरी और रबेली में दो नाबालिक लड़कियों की शादियां रुकवाईं. उन्होंने परिजनों को समझाइश दी की वे बालिग होने पर ही इनकी शादी करवाएं. उन्हें बताया गया कि बाल विवाह करवाने पर दो साल की सजा भी मिल सकती है. यहां तक कि शादी में साथ देने वाले परिजनों समेत पंडित व बैंड बाजा वालों पर भी कार्रवाई होगी. ऐसा कहने के बाद ही परिजन शादी रोकने पर माने.
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