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CM नीतीश का बड़ा निर्देश, बोले- बिहार में शराबबंदी का भी कराइए सर्वेक्षण, घर-घर जाकर कीजिए सर्वे

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया है. दरअसल बिहार में हाल में ही हुए जातिगत जनगणना से उत्साहित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यक्रम में मौजूद मंत्री सुनील कुमार और अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि फिर से शराबबंदी का हर घर जाकर सर्वेक्षण कराइए. हमे बहुत लोग कहता है कि शराबबंदी ठीक से लागू नहीं है इसको छोड़िए. हमने कहा कि हम कैसे छोड़ देंगे. हम जब इंजिनयरिंग कॉलेज में थे तो शराब को लेकर रोज रात में झगड़ा होते देखा है. बिहार में सात साल हो गया. हम इसको छोड़ेंगे नहीं. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि आप लोग साथ दीजिए ये लागू रहेगा.

सीएम नीतीश कुमार ने नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर बिहार में शराबबंदी को लेकर कहा कि मुझे पता है बिहार में शराबबंदी के मामले में कुछ पुलिस वाले भी गड़बड़ हैं. लेकिन, हम किसी को छोड़ने वाले नहीं है. सीएम नीतीश कुमार ने नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर कहा कि आज हमलोग नशा मुक्ति दिवस मना रहे हैं. लेकिन, इससे पहले 2011 से ही हमलोग मद्यनिषेध दिवस मनाते रहे हैं. हमलोग नशामुक्ति के पक्ष में थे. शराबबंदी को लेकर शुरू में हमलोग सोच रहे थे कि लागू होगा की नहीं, लेकिन 2016 में हमने शराबबंदी कानून लागू किया.


सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जब शराबबंदी लागू हुआ कई लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है. लेकिन कुछ लोग गड़बड़ करता रहता है. सीएम ने कहा कि बापू भी चाहते थे कि नशामुक्ति लागू हो. बिहार में 99 परसेंट महिलाएं शराबबंदी के पक्ष में हैं. सीएम ने बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर हो रही गड़बड़ी पर कहा कि हमने अधिकारियों को कहा कि अकारण किसी को मत पकड़िए. बाहर से अभी भी बहुत शराब आ रही है. इन सबको ठीक से पकड़िए. इस दौरान सीएम ने कहा कि WHO भी बता चुका है कि शराब के कारण मौत और दुर्घटनाएं होती हैं.

मुख्यमंत्री ने मंत्री सुनील कुमार से कहा कि इसको कड़ाई से लागू करें. इस मौके पर सीएम ने माना कुछ पुलिस वाले भी गड़बड़ हैं. मुख्यमंत्री ने मुख्यसचिव को भी कहा कि एक-एक चीज पर ध्यान दीजिए. कुछ गड़बड़ होता है तो उसको हिदायत दीजिए. बाकी जो गड़बड़ कर रहा उसको सर्विस से निकाल दिया जाएगा. वहीं डीजीपी के नशा मुक्ति दिवस कार्यक्रम में नहीं होने पर मुख्यमंत्री ने सवाल किया और कहा कि उन्हें भी बुलाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जातिगत गणना की तरह शराबबंदी का भी सर्वे कराइए जो पैसा लगेगा दिया जाएगा. सर्वे के बाद एक बार फिर से लोगों को इकट्ठा कीजिए, ताकि लोगों को पता चल सके कितने लोग इसके पक्ष में हैं.

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