भोपाल । पहाड़ों में बर्फबारी के चलते पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जिसका असर मप्र में भी देखने को मिल रहा है। नए साल का स्वागत कड़ाके की ठंड के साथ होगा। वहीं, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र पर बने चक्रवात के कारण हवाओं का रुख बदलने लगा है। इस वजह से पश्चिमी मध्य प्रदेश में बादल छाने लगे हैं। जिसके चलते न्यूनतम तापमान में तो बढ़ोतरी हुई, लेकिन दिन के तापमान में गिरावट हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक दो दिन बाद एकबार फिर मौसम का मिजाज बिगड़ सकता है। दो जनवरी से बादल छाने लगेंगे। साथ ही गरज-चमक के साथ प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। इस दौरान कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं।
पूरे प्रदेश में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। बुधवार से राजधानी भोपाल के आसमान में आंशिक बादल छाए हुए हैं। गुुरुवार की सुबह भी ठिठुरन के साथ हुई। यहां मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ में सुबह-सुबह खेतों में फसलों पर बर्फ ही बर्फ जमी हुई दिखाई दे रही है। मंदसौर में पाला पड़ रहा है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जीडी मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में एक प्रेरित चक्रवात छत्तसीगढ़ और उसके आसपास बना हुआ है। इसके अतिरिक्त उत्तरी-मध्य महाराष्ट्र पर भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इन दो सिस्टम के कारण हवा का रुख बदलने लगा है।
पश्चिमी मप्र में पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी हवा चलने से नमी आने लगी है। इस वजह से न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। उधर बादल और कुहासा बना रहने के कारण दिन के तापमान में गिरावट हुई। इससे दिन में ठिठुरन महसूस हो रही है। छत्तीसगढ़ पर बने सिस्टम के कारण अपेक्षाकृत नमी नहीं मिल पाने के कारण फिलहाल बरसात की संभावना नहीं है, लेकिन दो दिन बाद प्रदेश में पूर्वी और पश्चिमी हवाओं का सम्मिलन होने की संभावना है। इस सिस्टम के कारण मौसम का मिजाज एकबार फिर बिगड़ने लगेगा। इसके असर से ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल और उज्जैन संभाग में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ रुक-रुक बरसात होने का दौर शुरू हो सकता है। इस दौरान कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं। मौसम का इस तरह का मिजाज दो-तीन दिनों तक बना रह सकता है।
इधर बुधवार को भोपाल, इंदौर, धार, उज्जैन, राजगढ़, खजुराहो, सागर, दमोह, गुना, नौगांव, खंडवा, रतलाम, शाजापुर शीतल दिन दर्ज किया गया। इनमें से भोपाल, इंदौर, धार, उज्जैन, राजगढ़ में तीव्र शीतल दिन रहा। उधर धार, ग्वालियर, दतिया में शीतलहर चली।
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