भोपाल न्यूज़ (Bhopal News) मध्‍यप्रदेश

आजादी के बाद से अनुसूचित जाति के बच्चों के भविष्य से खेलती रही कांग्रेस की सरकारें: आर्य

भोपाल। 1944 में अजा वर्ग के पोस्टमैट्रिक छात्रों के लिए छात्रवृत्ति शुरू की गई। इसके बाद देश में 57 साल और मध्यप्रदेश में 45 सालों तक कांग्रेस की सरकारें रहीं। आर्थिक तंगी और असुविधाओं के कारण अनुसूचित जाति के करोड़ों बच्चों ने पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी, लेकिन सरकारों ने इस बात की फिक्र नहीं की कि ये बच्चे स्कूल क्यों छोड़ रहे हैं? यदि कांग्रेस की सरकारों ने इस बात की चिंता की होती, तो करोड़ों बच्चे शिक्षा पूरी होने से पहले स्कूल नहीं छोड़ते। कांग्रेस सालों तक अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करती रही है। यह बात अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालसिंह आर्य ने शनिवार को मीडिया से चर्चा के दौरान कही। श्री आर्य ने अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति को 1100 करोड़ से बढ़ाकर 59 हजार करोड़ किए जाने पर प्रधानमंत्री श्री मोदी एवं उनकी सरकार को धन्यवाद दिया साथ ही यह आशा जताई कि केंद्र सरकार के इस कदम से अजा वर्ग के बच्चों का भविष्य संवरेगा और उनका जीवन बेहतर होगा।

पहली बार मोदी सरकार ने इस बारे में सोचा
अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालसिंह आर्य ने कहा कि 1944 के बाद कभी किसी सरकार ने पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति बढ़ाने या अजा वर्ग के बच्चों को सुविधाएं देने के बारे में नहीं सोचा। देश में पहली बार मोदी सरकार ने इस बारे में सोचा और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद जी गहलोत इस बारे में एक प्रस्ताव लाए। इसके अनुसार केंद्र सरकार अब पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति के बजट को 1100 सौ करोड़ से बढ़ाकर 59 हजार करोड़ करने जा रही है। श्री आर्य ने कहा कि वर्तमान में अजा वर्ग के 60 लाख बच्चों को यह स्कॉलरशिप मिलती है, लेकिन अब मोदी सरकार इस वर्ग के 4 करोड़ बच्चों को छात्रवृत्ति के दायरे में  लाएगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार बीते वर्षों में स्कूल छोड़ने वाले 1.36 करोड़ बच्चों को वापस स्कूल लाने के लिए भी घर-घर संपर्क अभियान चलाएगी।

छात्रवृत्ति में हर साल बढ़ेगा केंद्र सरकार का हिस्सा
श्री आर्य ने कहा कि मोदी सरकार जो 59 हजार करोड़ की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति अजा वर्ग के बच्चों को देने जा रही है, उसका 60 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी तथा 40 फीसदी हिस्सा राज्यों को देना होगा। राज्य सरकार पहले बच्चों का रजिस्ट्रेशन करेगी और अपने हिस्से की रकम बच्चों के खातों में डालेगी, जिसके बाद केंद्र सरकार अपने हिस्से की राशि बच्चों के खातों में जमा कराएगी। उन्होंने कहा कि 59 हजार करोड़ की इस छात्रवृत्ति में अगले पांच सालों तक केंद्र सरकार हर साल अपने हिस्से में 5% की वृद्धि करेगी, राज्यों का योगदान घटता जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस पूरी प्रक्रिया की लगातार मॉनीटरिंग भी करेगी, ताकि अजा वर्ग का कोई और बच्चा छात्रवृत्ति न मिलने या देर से मिलने के कारण पढ़ाई छोड़ने पर विवश न हो।

पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश सरकार की मंत्री श्रीमती मीना सिंह एवं अजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री सूरज कैरो, विधायक श्री सुभाष वर्मा, मोर्चा जिला अध्यक्ष श्री जसवंत राव भी उपस्थित थे।  

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