img-fluid

महाराष्ट्र में फिर अकेले मैदान में उतर सकती है कांग्रेस, स्थानीय चुनाव में वापसी को बेताब

July 06, 2025

मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में कांग्रेस (Congress) बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। राज्य में इस साल के आखिर में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव (Local Body Elections) को लेकर कांग्रेस में चर्चा तेज हो गई है कि पार्टी अकेले चुनाव मैदान में उतरे। पार्टी के कई नेता मानते हैं कि इन चुनावों के जरिए कांग्रेस को अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने का मौका मिल सकता है। खासकर तब, जब भाजपा (BJP) राज्य के ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में तेजी से अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।

कांग्रेस इस समय शिवसेना (Shivsena) और शरद पवार की एनसीपी के साथ महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi) का हिस्सा है। लेकिन हाल ही में शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की नजदीकियों ने राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। इसी वजह से कांग्रेस के भीतर एक बड़ा वर्ग चाहता है कि स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी अकेले मैदान में उतरे, ताकि अपनी असली ताकत परख सके।

कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मानते हैं कि स्थानीय चुनाव संगठन को मजबूत करने का सबसे अच्छा तरीका हैं। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि गांव से लेकर शहर तक पार्टी की जड़ें मजबूत करने के लिए स्थानीय निकाय चुनाव जरूरी हैं। पार्टी नेता शिवाजीराव मोघे के मुताबिक, ये चुनाव जमीनी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और बड़े चुनावों में उनकी भागीदारी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।


2017-18 के स्थानीय चुनावों में भाजपा ने महाराष्ट्र के कई अहम नगर निगमों पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद से कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है। कई पुराने विधायक और नेता भी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस मान रही है कि अगर उसने अपना मजबूत जिला-स्तरीय अभियान नहीं चलाया तो आने वाले चुनावों में उसे और नुकसान हो सकता है।

कांग्रेस नेताओं का मानना है कि हर जिले की अलग रणनीति होनी चाहिए। स्थानीय मुद्दों जैसे पानी की समस्या, स्वास्थ्य सेवाएं और आरक्षण पर फोकस करके कांग्रेस भाजपा के विकास के दावों को चुनौती दे सकती है। मुंबई, नागपुर, पुणे और नासिक जैसे बड़े शहरों में पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ने पर विचार कर रही है। हालांकि, अंतिम फैसला पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा।

इस बीच, कांग्रेस के लिए अच्छी खबर यह रही कि विदर्भ के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र मुलक ने पार्टी में वापसी की है। मुलक पहले पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़े थे, जिस पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी। लेकिन अब उनके लौटने से नागपुर और आसपास के इलाकों में कांग्रेस को मजबूती मिलने की उम्मीद है। पार्टी इसे स्थानीय नेतृत्व को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा मान रही है। आगामी चुनावों के लिए कांग्रेस अब पूरी तैयारी में जुट गई है।

Share:

  • 'काम और जीवन का संतुलन बनाकर रखें', बॉम्बे हाईकोर्ट में जजों की कमी पर जस्टिस दत्ता की सलाह

    Sun Jul 6 , 2025
    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज जस्टिस दीपांकर दत्ता ने बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) में जजों (Judges) की कमी पर बात की और कहा जजों को सलाह दी कि वे जीवन और काम में संतुलन बनाकर चलें और अपनी सेहत के साथ कोई समझौता न करें। मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved