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WFI अध्यक्ष पर लगे आरोपों की जांच के लिए गठित समिति पर विवाद, पहलवानों ने लगाया ये आरोप

नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए गठित समिति (constituted committee) को लेकर अब विवाद उठ खड़ा हुआ है. दरअसल खेल मंत्रालय ने सोमवार शाम को दिग्गज मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्य निगरानी समिति गठित की थी. इन पैनल के अन्य सदस्यों में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और मिशन ओलंपिक सेल की सदस्य तृप्ति मुरगुंडे, टॉप्स के पूर्व सीईओ राजगोपालन और भारतीय खेल प्राधिकरण (साईं) की पूर्व कार्यकारी निदेशक (टीम) राधिका श्रीमन शामिल हैं. यह समिति ही अगले एक महीने तक डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के काम को भी देखेगी.

हालांकि सरकार द्वारा गठित इस निगरानी समिति को लेकर देश के दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने निराशा जताई है. उन दोनों ने मंगलवार को इस बारे में एक जैसा ट्वीट करते हुए कहा, ‘हमें आश्वासन दिया गया था कि निगरानी समिति के गठन से पहले हमसे परामर्श किया जाएगा. बड़े दुख की बात है कि इस कमेटी के गठन से पहले हमसे राय भी नहीं ली गई.’ इन दोनों पहलवानों ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को भी टैग किया है.


वहीं खेल मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस समिति में शामिल किए गए 5 में से 3 सदस्यों को इन ‘प्रदर्शनकारी’ पहलवानों की सुझाव पर ही रखा गया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, खेल मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा, ‘निगरानी कमेटी में 5 में से 3 नाम इन (विरोध करने वाले) पहलवानों द्वारा सुझाए गए थे, लेकिन अब उनका दावा है कि उन्हें लूप में नहीं लिया गया था.’

बता दें कि विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया सहित देश के चोटी के पहलवानों के डब्ल्यूएफआई और शरण के खिलाफ तीन दिन तक चले धरने के बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को समिति गठित करने का फैसला किया था. ठाकुर के साथ शुक्रवार देर रात हुई दूसरे दौर की मैराथन बैठक के बाद इन पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था.

अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष अपने कार्यों का निर्वहन नहीं करेंगे और डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के कार्यों से दूर रहेंगे. डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के कार्यों को निगरानी समिति पूर्व निर्धारित समय तक देखेगी और डब्ल्यूएफआई तथा उसके प्रमुख के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच भी करेगी.’

उन्होंने कहा, ‘निगरानी समिति की अध्यक्ष विश्व चैंपियन मेरीकॉम होंगी. उनके साथ योगेश्वर दत्त, एमओसी सदस्य और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता तृप्ति मुरगुंडे, टॉप्स के पूर्व सीईओ राजगोपालन और साइ की पूर्व कार्यकारी निदेशक टीम राधिका श्रीमन भी समिति का हिस्सा होंगे.’ खेल मंत्री ने कहा, ‘अगले एक महीने में यह समिति सभी हितधारकों से बात करके यौन उत्पीड़न और अन्य आरोपों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. तब तक डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के फैसले और कार्यों का निर्वहन भी यह समिति करेगी.’

मेरीकॉम और योगेश्वर डब्ल्यूएफआई के खिलाफ यौन उत्पीड़न और भ्रष्टचार के आरोपों की जांच के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (IAO) द्वारा गठित सात सदस्यीय समिति का भी हिस्सा हैं. आईओए के पैनल में मेरीकॉम और योगेश्वर के अलावा तीरंदाज डोला बनर्जी और भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष और आईओए कोषाध्यक्ष सहदेव यादव भी शामिल हैं. समिति के अन्य सदस्य अधिवक्ता तालिश रे और श्लोक चंद्रा तथा आईओए की उपाध्यक्ष अलकनंदा अशोक हैं.

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