ब्‍लॉगर

कोरोना का टीका: खुश खबर

– डॉ. वेदप्रताप वैदिक

कोरोना महामारी को ध्वस्त करने का ब्रह्मास्त्र अब भारत के हाथ में भी आ गया है। कोरोना के दो टीके, जो भारत में ही बने हैं, अब शीघ्र ही जरूुरतमंदों को लगने शुरू हो जाएंगे। 30 करोड़ लोगों के लिए जो इंतजाम अभी हुआ है, उसमें उन तीन करोड़ लोगों को यह टीका सबसे पहले लगेगा, जो डाॅक्टर, नर्स और मरीज़ों की सेवा में लगे रहते हैं। ये सच्चे जनसेवक हैं। इन लोगों ने अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाई है। अब भी ये लोग उत्साहपूर्वक देश की सेवा करते रहें, इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले इनको सुरक्षा प्रदान की जाए।

जाहिर है कि हमारे नेता लोग चाहेंगे कि इन सेवाकर्मियों के भी पहले इस टीके से उन्हें कृतार्थ किया जाए लेकिन वे जरा अपनी तुलना इन डॉक्टरों, नर्सों, वार्डबायों और मरीज गाड़ियों के ड्राइवरों से करके देखें। ये लोग जब अपनी जान की बाजी लगाए हुए थे, तब ज्यादातर नेता अपने-अपने घरों में दुबके हुए थे। वे भूखे लोगों को खाना बांटने में भी संकोच करते थे। हालांकि मेरी राय है कि यदि वे फिर भी यह टीका पहले लगवाना चाहें तो उन्हें यह सुविधा दे दी जाए लेकिन उनसे लागत से भी दुगुना-चौगुना पैसा वसूल किया जाए, जिसका इस्तेमाल उस टीके को मुफ्त बांटने में किया जाए।

यह ठीक है कि करोड़ों लोगों को मुफ्त टीका देने में सरकार के अरबों रु. खर्च हो जाएंगे लेकिन यदि वह निजी अस्पतालों को यह छूट दे दे तो भारत में 30 से 40 करोड़ लोग उच्च और निम्न मध्यम वर्ग के ऐसे हैं, जो हजार-दो हजार रु. खर्च करके यह टीका ले सकते हैं। इसके कारण जो राशि सरकार को मिलेगी, वह मुफ्त टीका लगाने में तो इस्तेमाल होगी ही, मुफ्त टीकाकरण का बोझ भी हल्का होगा।

सरकारी टीकाकर्मियों की संख्या सिर्फ सवा लाख है। इतने ही टीकाकर्मी निजी अस्पताल भी जुटा सकते हैं। 50 साल से ज्यादा उम्रवाले लगभग 50 करोड़ और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को यह टीका देने की तैयारी हमारे स्वास्थ्य मंत्रालय ने ठीक ढंग से कर रखी है। यदि जरूरत पड़ी तो सरकार विदेशी कंपनियों से भी दवाइयां खरीद सकती है। यों भी कोरोना का हमला भारत में आजकल बहुत धीमा पड़ता जा रहा है। भारत के वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित यह टीका पश्चिमी टीकों के मुकाबले सस्ता और कम नखरेवाला है। यह भारत को तो महामारीमुक्त करेगा ही, पड़ोसी देशों और अफ्रीकी देशों की भी अपूर्व सेवा का अवसर भारत को प्रदान करेगा। भारत के लिए और एशिया-अफ्रीका के देशों के लिए नए साल की यह सबसे बड़ी खुश खबर है।

(लेखक सुप्रसिद्ध पत्रकार और स्तंभकार हैं।)

 

Share:

Next Post

रूसी हैकरों ने बनाया अमेरिका की 250 सरकारी एजेंसियों और कंपनियों को निशाना

Mon Jan 4 , 2021
सैन फ्रांसिस्को। हाल ही में हुए साइबर हमले के दौरान अमेरिका की 250 सरकारी एजेंसियों ( US government agencies) और शीर्ष कंपनियों ( US companies) को निशाना बनाया गया था। रूसी हैकरों (Russian hackers) द्वारा यह हमला अंजाम दिया गया था और इसके लिए उन्होंने मॉनीटरिंग और मैनेजमेंट साफ्टवेयर ‘सोलरविंड ओरियन’ का इस्तेमाल किया था। […]