
नई दिल्ली। कफ सिरप (Cough syrup) से कई बच्चों (children) की मौतों और दुष्प्रभावों को देखते हुए केंद्र सरकार (Central government) ने इसकी मनमानी बिक्री (arbitrary sale) पर लगाम लगाने के लिए कड़ा कदम उठाया है। अब अधिकांश कफ सिरप डॉक्टर की पर्ची के बिना मेिडकल दुकानों पर नहीं बेचे जा सकेंगे। उन्हें हर प्रिस्क्रिप्शन का रिकॉर्ड रखना होगा। साथ ही, कफ सिरप व गुणवत्ता जांच के कड़े नियमों का पालन करना होगा।
औषध परामर्श समिति से मंजूरी के बाद सख्ती बढ़ाने का फैसला
सरकार की शीर्ष नियामक औषध परामर्श समिति ने कफ सिरप को उस शेड्यूल से हटाने की मंजूरी दे दी है, जिसके प्रावधान कफ सिरप को लाइसेंसिंग व खास निगरानी नियमों से छूट देते थे। यानी इसे खरीदने के लिए डॉक्टर की सलाह और पर्चा अनिवार्य होगा।
मध्य प्रदेश के अलावा विदेश में भी कई मौतों के बाद डॉक्टरों का परामर्श अनिवार्य
समिति के एक सदस्य ने कहा कि प्रस्ताव इसलिए लाया गया, क्योंकि तीन वर्षों में भारत से निर्यात कई कफ सिरपों में डाई-एथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) और ईथिलीन ग्लाइकोल (ईजी) जैसे घातक रसायन पाए गए। इसके चलते गाम्बिया, उज्बेकिस्तान व कैमरून में कई बच्चों की मौतें हुईं। हाल में मध्य प्रदेश में भी कई बच्चों की इससे मौत हो गई। समिति के मुताबिक, सरकार की कोशिश है कि खांसी-जुकाम जैसी सामान्य बीमारी में भी खुद दवा लेने के बजाय लोग डॉक्टर से परामर्श लें।
बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक शीर्ष अफसर ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इससे गलत दवा सेवन, दुष्प्रभाव रोका जा सकेगा। हाल में यह तथ्य सामने आया है कि कुछ लोग कफ सिरप का नशे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, कई माता-पिता बिना डॉक्टर से पूछे बच्चों को सिरप दे रहे हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved