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Cyclone Tauktae का कहर, गुजरात में 45, महाराष्ट्र में 18 की मौत, समुद्र में ऑपरेशन जारी

नई दिल्‍ली। चक्रवाती तूफान Tauktae ने महाराष्ट्र और गुजरात के इलाकों में अपना व्यापक असर दिखाया। दो दिन की तबाही के बाद अब ये तूफान शांत हो गया है, लेकिन अपनी निशानी छोड़ गया है। मंगलवार को तूफान की चपेट में आए अरब सागर में मौजूद नावों पर फंसे लोगों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। भारतीय नेवी द्वारा चलाए गए इस ऑपरेशन में सैकड़ों लोगों की जान बचा ली गई है, जबकि अभी भी कुछ लोगों को बाहर निकालना बाकी है।

अबतक 60 से ज्यादा मौतें दर्ज
चक्रवाती तूफान ताउते के गुजरने के बाद अब तबाही का मंजर सामने आ रहा है। गुजरात में इस तूफान के कारण कुल 45 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से सबसे अधिक अमरेली में 15 मौतें हुई हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में भी इस तूफान से 18 मौतें दर्ज की गई हैं। चक्रवाती तूफान के बीच अरब सागर में कुछ नाव फंस गई थी, इसके अलावा ऑइल रिग पर कुछ लोग और कर्मचारी भी फंस गए थे, जिनको लेकर भारतीय नेवी, कोस्ट गार्ड समेत अन्य एजेंसियों ने मिलकर ऑपरेशन को चलाया।

मुंबई से कुछ दूरी पर फंसी बार्ज P-305 पर कुल 273 लोग फंस गए थे, जिन्हें निकाला गया। मंगलवार तक करीब 180 लोगों को निकाल लिया गया था, जबकि बाकी को निकालने का काम जारी है। करीब 93 क्रू-मेंबर्स हैं, जिनकी तलाश जारी है।

इस बार्ज के अलावा GAL कंस्ट्रक्टर पर भी क्रू मेंबर्स करीब 72 घंटे तक फंसे रहे, जब तूफान ने अपनी दस्तक दी। यहां भी भारतीय नेवी ने ऑपरेशन चलाकर लोगों को निकालने का काम किया, सबसे अच्छी बात ये रही कि सभी को निकाल लिया गया। इस पूरे ऑपरेशन में भारतीय नेवी के कई जहाजों ने कमान संभाली जिसमें INS कोच्चि, INS कोलकाता के साथ Beas, Betwa and Teg भी शामिल रहे।

पानी में कूद गए थे कई लोग, नेवी ने बचाया
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ONGC के ऑपरेशन के लिए बार्ज P305 को लगाया गया था, जो मुंबई से कुछ दूरी पर था। यहां पर मौजूद कुछ लोगों ने पानी में छलांग लगा दी थी, ऐसे में अभी भी कुछ लोगों की तलाश जारी है।

बार्ज P305 के क्रू मेंबर सतीश नरवाड जो मूलत: हरियाणा से हैं, उनका कहना है कि सोमवार की दोपहर को जब तूफान ने आना शुरू किया, तब उनका बार्ज किसी से टकराया ऐसे में सभी क्रू मेंबर्स ने लाइफ गार्ड पहन ली थी। इसलिए हमारे पास पानी में कूदने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं था, हालांकि अगली सुबह तक भारतीय नेवी ने काफी लोगों को बचा लिया था, पता नहीं उन्होंने हमारा पता कैसे लगाया।

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