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लद्दाख में आईएएफ की चुनौतीपूर्ण भूमिका को रक्षा मंत्री राजनाथ ने सराहा

भारत चीन सरहद पर वायु सेना को और अलर्ट रहने को कहा

नई दिल्ली। लद्दाख की गलवान घाटी को लेकर भारत और चीन के बीच कई माह से चल रहे तनाव के बाद आज देश की राजधानी दिल्ली में भारतीय जांबाज वायु सेना के कमांडर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए। आईएएफ के कमांडर सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन के बीच सरहद पर लद्दाख को लेकर हुए तनाव के दौरान सरहद पर चुनौतीपूर्ण स्थितियों का काबिले तारीफ सामना करने के लिए भारतीय वायुसेना की जमकर तारीफ की है। इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायु सेना को लद्दाख की सरहद पर चीन की हर हरकत पर नजर रखने और पहले से भी ज्यादा अलर्ट रहने की भी नसीहत दी है। गौरतलब है कि लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि इसके जवाब में भारतीय जांबाज सैनिकों ने चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिकों की गर्दन मरोड़ कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद भारत और चीनी सेना के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ने पर भारतीय वायु सेना ने आसमान में भारत और चीन के बीच की सरहद पर लड़ाकू विमानों से उड़ान भरकर निगरानी बढ़ा दी थी जिसके बाद ही चीन अपने नाकाम मंसूबों पर कामयाब नहीं हो सका और उसे अपने कदम पीछे खींच खींचने को मजबूर होना पड़ा था। गौरतलब है कि फ्रांस से अत्याधुनिक परमाणु मिसाइलों से लैस राफेल विमान 31 जुलाई तक भारत आ रहे हैं। राफेल विमान की पहली तैनाती अंबाला एयर बेस पर होना लगभग तय है । बाद में इन्हें लद्दाख सरहद पर भी तैनात करने पर चर्चा फिलहाल चल रही है। सूत्रों के अनुसार वायु सेना के कमांडरों और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच अभी बातचीत जारी है। कमांडरों एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राफेल विमानों को लद्दाख में भी तैनात करने पर विचार मंथन कर रहे हैं।

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