नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (RRTS) के अन्तर्गत “दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान (Delhi, Haryana and Rajasthan) के शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड (Shahjahanpur-Neemrana-Behrod) (SNB)” तक 107 किलोमीटर लम्बा (107 km long) रैपिड रेल कॉरिडोर (Rapid Rail Corridor) बनाने की मंजूरी मिलने से एनसीआर के बाशिन्दों को नए वर्ष का एक नायाब तोहफा मिला है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत नई दिल्ली से एसएनबी- शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड (वाया गुरुग्राम,मानेसर,दारुहेड़ा,रेवाडी एवं बावल) तक 107 किलोमीटर लम्बा एक नया रैपिड रेल कॉरिडोर बना कर मेट्रो शुरु करने की कवायद तेज हो गई है। बताया गया है कि इस कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान सरकार अपनी स्वीकृति दे दी है। कॉरिडोर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने से पूर्व की सभी वांछित गतिविधियां शुरू कर दी गई है।
इस कॉरिडोर में नई दिल्ली के सराय काले खाँ से राजस्थान के नीमराणा तक राष्ट्रीय राज मार्ग आठ के समानान्तर 16 मेट्रो स्टेशन होंगे जिस पर हर पाँच मिनट में मेट्रो दौड़ेगी। 107 किमी लंबे दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर में 35 किमी का हिस्सा भमिगत होगा और इसमें पांच स्टेशन होंगे। शेष 71 किमी का भाग एलिवेटेड होगा और इसमें 11 स्टेशन बनेंगे। यह कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होगा और अन्य दो आरआरटीएस कॉरिडोर के साथ इंटरओपरेबल होगा जिसमे यात्रियों को एक कॉरिडोर से दूसरे कॉरिडोर मे जाने के लिए रेल बदलने की जरूरत नहीं होगी। यह रैपिड रेल ट्रांसिट सिस्टम दिल्ली से लेकर हरियाणा और राजस्थान तक के एनसीआर में आने जाने वाले लोगों के लिए वरदान साबित होगा।
एनसीआर परिवहन निगम ने समय का सदुपयोग करते हुए कॉरिडोर के मार्ग में आने वाले बाधाओं को पहले से ही सुविधाजनक बनाना शुरू कर दिया है जिसमें कई जगहों पर सड़कें बनाई गई हैं तो कई जगहों पर जहां पर काम होना है वहां पर सड़कों को पहले से ज्यादा चौड़ी कर दी गई है ताकि लोगों को कार्य होने के उपरांत भी आवाजाही में दिक्कत नही हो।इस कॉरिडोर के लिए मुख्य परियोजना प्रबंधक का कार्यालय गुरुग्राम और दिल्ली में स्थापित कर लिया गया है और इंजीनियरों की नियुक्ति भी कर ली गई है।
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