वॉशिंगटन। एक जापानी अखबार निक्कई (Japanese Newspaper Nikkei) ने दावा किया है कि अमेरिकी सेना ( US Army) पेलोसी के विमान के लिए एक बफर जोन बना रही है। इसमें कहा गया है कि अमेरिकी नौसेना (US Navy) अपने महाविनाशक एयरक्राफ्ट ( US Destroyer Aircraft) कैरियर सहित विशाल प्लेन(US Giant Plane) को भी ताइवान (Taiwan) की सीमा के पास तैनात कर रही है।, वहीं, कुछ मीडिया रिपोट्स में बताया जा रहा है कि गुप्त रूप से अमेरिका (US) ने चीन (China) की धमकी के बावजूद अपने महाविनाशक युद्धपोत (warship) तैनात कर दिए हैं।
दरअसल, अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक चीन धमकियों के बावजूद पेलोसी ताइवान जाएंगी। सोमवार को वह चार एशियाई देशों की यात्रा पर सिंगपुर पहुंचीं। गौरतलब है कि चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उसने पेलोसी की संभावित यात्रा को लेकर चेतावनी दी है। नैंसी पेलोसी एक सैन्य विमान C-40C से वॉशिंगटन से रवाना हुई हैं। वॉल स्ट्रीट जनरल ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि पेलोसी ने अपने दक्षिण एशिया प्रवास की शुरुआत करते हुए सोमवार तड़के सिंगापुर पहुंचकर वहां के नेताओं से मुलाकात की थी। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि पेलोसी की ताइवान के सरकारी अधिकारियों के साथ बैठकें होनी हैं।
ताइवान में पेलोसी जिनसे मिलने वाली हैं उन्हें उनके अचानक आने के बारे में पहले से ही सूचित कर दिया गया है। हालांकि इस संदर्भ में और डिटेल आना अभी बाकी है। इन अधिकारियों के साथ पेलोसी की कुछ बैठकें मंगलवार शाम के लिए निर्धारित की गई हैं। लेकिन अधिकांश बैठकें बुधवार को होनी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पेलोसी जिन लोगों से मुलाकात करेंगी उनमें केवल ताइवान के सरकारी अधिकारी ही नहीं बल्कि और लोग भी शामिल हो सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से परिचित व्यक्ति ने कहा, “वह निश्चित रूप से (ताइवान) आ रही हैं। एकमात्र संदेह इस बात पर है कि क्या वह ताइवान में एक रात रुकेंगी या उसी दिन वापस चली जाएंगी।” बता दें कि चीन ने पेलोसी की ताइवान यात्रा को सैन्य हस्तक्षेप तक की धमकी दी है। इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पेलोसी ने सोमवार को सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग, राष्ट्रपति हलीमा याकूब और अन्य कैबिनेट सदस्यों से मुलाकात की।
इससे पहले चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले सप्ताह अपने अमेरिकी समकक्ष जो बाइडन के साथ टेलीफोन पर की गई वार्ता में ताइवान के मामले में हस्तक्षेप करने के खिलाफ चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि ‘आग से खेलने वाला अंतत: खुद उससे जल जाता है।’ चीन को लगता है कि ताइवान के साथ आधिकारिक अमेरिकी संपर्क उसकी दशकों पुरानी उस नीति के खिलाफ उसे (ताइवान को) उकसाता है, जिसके तहत वह उसे ‘वास्तविक, स्वतंत्रता और स्थायी क्षेत्र’ मानता है। हालांकि, अमेरिकी नेताओं का कहना है कि वे चीन के इस दृष्टकोण का समर्थन नहीं करते हैं।
पेलोसी यदि ताइवान का दौरा करती हैं, तो वह 1997 में प्रतिनिधि सभा के तत्कालीन अध्यक्ष न्यूट गिंगरिच के बाद ताइवान की यात्रा करने वाली सर्वोच्च पद पर आसीन पहली निर्वाचित अमेरिकी अधिकारी होंगी। बाइडन प्रशासन ने बीजिंग को आश्वस्त करने की कोशिश की है कि अगर ऐसी यात्रा होती है, तो यह अमेरिकी नीति में किसी बदलाव का संकेत नहीं होगा।
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